BJP-RSS से जुड़े सगंठनों से सैनिक स्कूलों का समझौता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उठाई आवाज

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सैनिक स्कूलों सहित अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर कर राजनीतिकरण करने के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।

subodh kumar | Published : Apr 10, 2024 2:13 PM IST / Updated: Apr 10 2024, 08:56 PM IST

दिल्ली. सैनिक स्कूलों को राजनीतिक संगठनों से संबंध रखने वाले संगठनों के हाथों में सौंपने सहित अन्य समझौतों के चलते कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अवगत कराया है। जिसमें उन्होंने बताया कि सैनिक स्कूलों को राजनीति संगठनों से जुड़े लोगों के हाथों में सौंपने से उनकी स्वतंत्रता और खुलापन खत्म हो जाएगा। सैनिक स्कूल भविष्य के रक्षा कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण संस्थान हैं। इसलिए उन्हें किसी भी स्तर पर राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए।

भाजपा और संघ से जुड़े लोगों से समझौते

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में बताया कि सैनिक स्कूलों का निजीकरण किया जा रहा है। जिसमें सैनिक स्कूलों को उन हाथों में दिया जा रहा है जो कहीं न कहीं राजनीति से जुड़े हुए लोग हैं। उन्होंने लिखा कि सैनिक स्कूलों को लेकर हुए ज्यादातर समझौते भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोगों के साथ किए गए हैं। इस कारण कांग्रेस इस निजीकरण नीति को पूरी तरह से वापस लेने की मांग करती है।

सैनिक स्कूलों का निजीकरण वापस लें

खड़गे ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में साफ कहा कि कांग्रेस पार्टी की मांग है कि राष्ट्रीय हित में सैनिक स्कूलों के निजीकरण की नीति को पूरी तरह से वापस लिया जाए और एमओयू रद्द किए जाएं। ताकि सशस्त्र बल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे राष्ट्र की सेवा के लिए आवश्यक वांछित चरित्र, दृष्टि और सम्मान बरकरार रख सकें। उन्होंने लिखा कि किसी भी राजनीतिक दल ने कभी ऐसा नहीं किया, क्योंकि हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और साहस को दलगत राजनीति से दूर रखने के लिए आम राष्ट्रीय सहमति है।

 

 

 

40 सैनिक स्कूलों के एमओयू पर हस्ताक्षर

खड़गे ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में बताया कि फिलहाल देश में 33 सैनिक स्कूल हैं। जिनका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है। इन्हें रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत सैनिक स्कूल सोसाइटी चलाती है। 2021 में केंद्र सरकार ने सैनिक स्कूलों के निजीकरण की पहल की थी। इस कारण 100 नए सैनिक स्कूलों में से 40 के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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