
Dharmasthala Controversy: सदियों से श्री धर्मस्थल मण्जुनाथेश्वर मंदिर सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का मजबूत स्तंभ रहा है। गरीबों को ऋणमुक्त करने से लेकर नशा मुक्ति, शिक्षा, मुफ्त इलाज और सामूहिक विवाह जैसी पहल से इसने लाखों जिंदगियां बदलीं। लेकिन अब यह मंदिर एक ऐसे विवाद में घिरा है जिसे समर्थक एक सुनियोजित बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं।
मंदिर के समर्थकों का कहना है कि मंदिर की श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना (SKDRDP) ने हजारों परिवारों को साहूकारों के चंगुल से निकाला। जहां पहले साहूकार 60% से ज्यादा ब्याज वसूलते थे, SKDRDP ने सिर्फ 12% ब्याज पर ऋण देकर इस शोषण का अंत किया। हर ऋणमुक्त परिवार, सूदखोरों के मुनाफे पर सीधा प्रहार है।
लोग बताते हैं कि जन जागृति वेदिके अभियान के जरिए मंदिर ने शराबबंदी की मुहिम छेड़ी, 1.3 लाख से ज्यादा लोगों को नशा मुक्ति शिविरों से जोड़ा और नवजीवी समितियां बनाकर संयम बनाए रखने में मदद की। कई गांवों में शराब बिक्री घटने से शराब माफिया के मुनाफे पर असर पड़ा और इसके खिलाफ साजिश करने वालों की लिस्ट लंबी होती गई।
दरअसल, विभिन्न पहलों ने ग्रामीण समुदाय को आत्मनिर्भर बनाया और धर्मांतरण नेटवर्क को कमजोर किया। विशेषज्ञों के मुताबिक, सूदखोर, शराब माफिया और धर्मांतरण गिरोह, जिनके आर्थिक हित मंदिर की पहल से प्रभावित हुए हैं ने, अब मिलकर इसकी छवि खराब करने में जुटे हैं। समर्थक कहते हैं कि यह हमला सिर्फ एक मंदिर पर नहीं, बल्कि उस सशक्त सामाजिक मॉडल पर है जिसने 23 लाख+ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला और ग्रामीण कर्नाटक की रीढ़ को मजबूत किया।