Delhi Jal Board: ED ने AAP पर लगाए आरोप, कहा- 'दिल्ली जल बोर्ड घोटाले से हासिल हुए रिश्वत के पैसे केजरीवाल सरकार को मिले'

Published : Feb 07, 2024, 10:56 PM ISTUpdated : Feb 07, 2024, 11:05 PM IST
AAP

सार

दिल्ली जल बोर्ड घोटाले पर ED ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार (7 फरवरी) को आरोप लगाया कि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) अनुबंध में भ्रष्टाचार से हासिल हुआ रिश्वत का पैसा आम आदमी पार्टी को चुनावी धन के रूप में दिया गया था।

दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड घोटाले पर ED ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार (7 फरवरी) को आरोप लगाया कि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) अनुबंध में भ्रष्टाचार से हासिल हुआ रिश्वत का पैसा आम आदमी पार्टी को चुनावी धन के रूप में दिया गया था। केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि इस मामले में मंगलवार (6 फरवरी) को दिल्ली, वाराणसी और चंडीगढ़ में की गई छापेमारी के दौरान 1.97 करोड़ रुपये के कीमती सामान और 4 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा के अलावा आपत्तिजनक" दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए।

हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय ने बयान में यह नहीं बताया गया कि कहां से क्या जब्त किया गया।बता दें कि एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग की इस जांच के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आप के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, पूर्व डीजेबी सदस्य शलभ कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज मंगल और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी।

जाली दस्तावेज जमा कर हासिल किया ठेका

ED ने सीबीआई की एक FIR में जिसमें आरोप लगाया गया है कि डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये की कुल लागत का ठेका दिया। इस तथ्य के बावजूद कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी।ईडी ने इस मामले में अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल नाम के एक ठेकेदार को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। वे 10 फरवरी तक उसकी हिरासत में हैं।एजेंसी ने दावा किया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने जाली "दस्तावेज जमा करके बोली हासिल की और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता को पूरा नहीं करती है"।

रिश्वत की रकम APP को चुनावी फंड के तौर पर भी दी गई

ईडी ने आरोप लगाया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को ठेका देने के बाद अरोड़ा ने नकद और बैंक खातों में रिश्वत ली और उन्होंने यह पैसा डीजेबी में मामलों का प्रबंधन करने वाले विभिन्न व्यक्तियों को दिया, जिनमें APP से जुड़े व्यक्ति भी शामिल थे।इसमें दावा किया गया, ''रिश्वत की रकम APP को चुनावी फंड के तौर पर भी दी गई।''

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