सूरत में फर्जी डॉक्टरों द्वारा संचालित अस्पताल का हुआ भंडाफोड़। उद्घाटन के बाद अस्पताल को सील किया गया। पुलिस ने फर्जी डिग्रियों के मामले में जांच शुरू की। जानें पूरा मामला क्या है।
सूरत। गुजरात के सूरत शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी डॉक्टरों के एक समूह ने न केवल नर्सिंग होम खोला, बल्कि एक पूर्ण विकसित अस्पताल भी स्थापित कर दिया। इस अस्पताल का नाम जनसेवा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल रखा गया था, जो पांडेसरा इलाके में स्थित है। रविवार को इसका उद्घाटन भी भव्य तरीके से हुआ, लेकिन अगले ही दिन इसे सील कर दिया गया।
पुलिस जांच में पाया गया कि अस्पताल के 5 को-फाउंडरों में से 2 के पास फर्जी डिग्री हैं। बीआर शुक्ला, जो खुद को आयुर्वेदिक डॉक्टर बताते हैं और आरके दुबे, जो इलेक्ट्रो-होम्योपैथी की डिग्री का दावा करते हैं, दोनों पर गुजरात मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। अन्य 3 सह-संस्थापकों की डिग्रियों की जांच जारी है।
उद्घाटन के निमंत्रण में सूरत नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल, पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत और संयुक्त पुलिस आयुक्त राघवेंद्र वत्स के नाम शामिल थे। हालांकि, अधिकारियों ने इस निमंत्रण की जानकारी से इनकार किया और कार्यक्रम में कोई नहीं आया।
पुलिस ने अस्पताल परिसर को सील कर दिया है और सह-संस्थापकों की डिग्रियों की पुष्टि की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विजय सिंह गुर्जर ने कहा कि फर्जी डिग्री के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सह-संस्थापक जीपी मिश्रा पर पहले से ही निषेध अधिनियम के तहत तीन मामले दर्ज हैं। उनके साथ-साथ अन्य दो सह-संस्थापकों की भी डिग्रियां संदिग्ध हैं। फर्जी डिग्री और धोखाधड़ी के इस मामले ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस मामले में कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
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