ओडिशा के एक्स हेल्थ मिनिस्टर नबा दास मर्डर मिस्ट्री: ASI को इतना गुस्सा क्यों आया कि सरेआम शूट कर दिया, चार्जशीट में क्या है?

ओडिशा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नबा किशोर दास की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी है। इसमें बताया गया कि मंत्री की हत्या ASI गोपाल दास ने निजी रंजिश और मानसिक पीड़ा के चलते की थी।

भुवनेश्वर. ओडिशा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नबा किशोर दास की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी है। इसमें बताया गया कि मंत्री की हत्या ASI गोपाल दास ने निजी रंजिश और मानसिक पीड़ा के चलते की थी। 29 जनवरी की घटना में गोपाल दास अकेला आरोपी है और हत्या पुरानी दुश्मनी का नतीजा थी। उस पर धारा 307 (हत्या का प्रयास), 302 (हत्या) और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय किए गए हैं। दास की हत्या के 120 दिन पूरे होने से बमुश्किल तीन दिन पहले अदालत में चार्जशीट पेश की गई।

ओडिशा के एक्स हेल्थ मिनिस्टर नबा किशोर दास मर्डर स्टोरी

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अगर इस मामले में गोपाल दास पर जुर्म साबित होता है, तो उसे 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है। राज्य में विपक्षी पार्टी भाजपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दायर चार्जशीट में छुपा ज्यादा है और खुलासा कम है। 

भाजपा स्टेट जनरल सेक्रेट्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा-"आरोपपत्र झूठ से भरा है। यह स्पष्ट नहीं करता है कि किस डर से उसने ऐसा कदम उठाया। साथ ही, इसमें यह भी उल्लेख नहीं है कि गोपाल दास ने हत्या की योजना कब बनाई थी?"

जांच पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने आरोप लगाया कि साजिश के एंगल से जांच नहीं की गई।

ओडिशा के एक्स हेल्थ मिनिस्टर नबा किशोर दास मर्डर कब हुआ था?

मामले में 543 पन्नों की चार्जशीट शुक्रवार(26 मई) को झारसुगुड़ा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अदालत में क्राइम ब्रांच द्वारा दायर की गई। गोपाल दास के खिलाफ आरोप चश्मदीदों के बयानों और एक वैज्ञानिक टीम की रिपोर्ट पर आधारित है। हत्या के पीछे के मकसद की जांच के लिए मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया था।

अदालत ने आरोपी को मूल्यांकन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरासाइंसेज, बेंगलुरु ले जाने के उसके अनुरोध को ठुकरा दिया। इसने राज्य द्वारा संचालित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विशेषज्ञों वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें सुझाव दिया गया था कि गोपाल दास मानसिक रूप से स्वस्थ थे।

एएसआई गोपाल दास ने ब्रजराजनगर गांधी चौक पर मंत्री पर उस समय कथित तौर पर गोलियां चलाईं जब वह झारसुगुड़ा जिले के आधिकारिक दौरे पर थे।

चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी ने प्लानिंग से योजना बनाई और अकेले ही हत्या को अंजाम दिया। कोई और षड्यंत्र में शामिल नहीं था।

इसमें कहा गया है कि नार्को टेस्ट और कई स्तरों पर वाइस के एनालिसिस से पुष्टि हुई कि पुलिस अधिकारी ने व्यक्तिगत रंजिश के चलते ट्रिगर दबा दिया था।

ओडिशा में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नबा दास मर्डर के आरोपी गोपाल दास की पत्नी का बयान

जार्चशीट में कहा गया कि पुलिस अधिकारी की मानसिक स्थिति काफी सामान्य थी। उसने जांच के दौरान सहयोग किया और पुख्ता तरीके से पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया।

हालांकि, उनकी पत्नी जयंती ने पत्रकारों को बताया था कि उसका पिछले 7-8 सालों से साइकोलॉजिकल इश्यू के लिए इलाज चल रहा था।

एएसआई को झारसुगुड़ा जिले में मंत्री के कार्यक्रम के लिए ट्रैफिक क्लीयरेंस ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था और उन्होंने अपनी सर्विस पिस्टल का इस्तेमाल करते हुए बहुत करीब से उन पर फायरिंग कर दी। मंत्री पर गोली चलाने और सेवा से बर्खास्त करने के तुरंत बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। मंत्री को भुवनेश्वर ले जाया गया और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

अपने सर्विस पीरियड के दौरान गोपाल दास को एक पुलिसकर्मी के रूप में अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए 18 प्रशस्ति पत्र और नौ पुरस्कार प्राप्त हुए। आरोपी 2013 में झारसुगुड़ा जिले में तैनात था और उसका परिवार बेरहामपुर के बाहरी इलाके में रहता था।

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