
गांधीनगर। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गांधीनगर नगर निगम (GMC) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। GMC देश का पहला और सबसे युवा नगर निगम बन गया है, जिसके बॉन्ड को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर भारी निवेश मिला। आज केवल एक घंटे के लिए ₹25 करोड़ के म्युनिसिपल बॉन्ड्स जारी किए गए थे, जिन्हें निवेशकों ने जबरदस्त उत्साह के साथ खरीदा। यह बॉन्ड इश्यू 9 गुना ओवरसब्सक्राइब होकर ₹225 करोड़ की बोलियों तक पहुंच गया।
यह उपलब्धि ऐसे समय में मिली है जब गुजरात अपने 20 वर्षों की शहरी विकास यात्रा का जश्न मना रहा है। वर्ष 2005 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में "अर्बन डेवलपमेंट ईयर" की शुरुआत हुई थी, जिसने राज्य में शहरी विकास की नई दिशा तय की।
गांधीनगर नगर निगम (GMC) की स्थापना 2010 में हुई थी। अब यह अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट के बाद गुजरात का पाँचवां और पूरे भारत में 17वां ऐसा नगर निगम बन गया है, जिसने म्युनिसिपल बॉन्ड के ज़रिए पूंजी जुटाई है। गौरतलब है कि अपने पहले ही प्रयास में गांधीनगर के ₹25 करोड़ के बॉन्ड को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और यह 9 गुना ओवरसब्सक्राइब हो गया जो इसे देश का ऐसा पहला नगर निगम बनाता है जिसे पहली बार में इतनी बड़ी सफलता मिली हो। 7.65% की कूपन दर वाले इस बॉन्ड ने गांधीनगर को नगरीय वित्तीय नवाचारों के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक खास पहचान दिलाई है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से पहले गांधीनगर नगर निगम (GMC) ने दो वर्षों तक एक कठिन और विस्तृत प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसमें ऑडिट, वित्तीय अनुशासन, क्रेडिट रेटिंग और नियामकीय स्वीकृतियाँ शामिल थीं। GMC को CRISIL द्वारा ‘AA-’ और CARE Edge द्वारा ‘AA’ रेटिंग प्राप्त हुई, जो इसके मजबूत वित्तीय प्रबंधन और विश्वसनीयता को दर्शाती है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए GMC ने पारंपरिक लेखा प्रणाली को हटाकर ‘एक्रूअल बेस्ड अकाउंटिंग’ प्रणाली अपनाई और वैधानिक ऑडिट के माध्यम से पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को और मजबूत किया। GMC द्वारा बॉन्ड्स के माध्यम से जुटाई गई ₹25 करोड़ की यह राशि नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएँ, यातायात सुधार और यात्री सुविधाओं के उन्नयन जैसे जनकल्याणकारी कार्यों में उपयोग की जाएगी।
इस बॉन्ड की सफलता से गांधीनगर नगर निगम (GMC) को केंद्र सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं का भी लाभ मिलने की संभावना है। भारत के 20 योग्य नगर निगमों में पहली बार बॉन्ड जारी करने पर गांधीनगर को AMRUT योजना के तहत ₹3.25 करोड़ की ब्याज सब्सिडी मिल सकती है, जिससे जुटाई गई पूंजी का असर और भी व्यापक होगा। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में 25 जून 2025 को GIFT सिटी, गांधीनगर में एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें कई गणमान्य अतिथि, नीति-निर्माता और शेयर बाजार विशेषज्ञ शामिल होंगे।