सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू के तबादले पर लगाई रोक, जानिये क्या है कारण

हाईकोर्ट ने हिमाचलय प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू का तबादल कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके तबादले पर स्टे लगा दिया है। अब जब तक हाईकोट आदेश की वापसी का फैसला नहीं लेगा,तब तक उनके तबादले का आर्डर स्थगित रहेगा।

शिमला. हिमाचलय प्रदेश के कांगड़ा में स्थित एक कारोबारी का अपने पार्टनर से प्रॉपर्टी विवाद चल रहा है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कर उसे सुलझाने के लिए हाईकोर्ट ने एसपी शालिनी अग्निहोत्री और डीजीपी संजय कुंडू का ट्रांसफर कर दिया था। लेकिन बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के स्टे लगते ही इस मामले में कई सवाल उठने लगे हैं।

कारोबारी ने लगाया था डीजीपी पर आरोप

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दरअसल कांगड़ा के करोबारी का आरोप था कि डीजीपी कार्यालय से फोन पर उस पर दबाव बनाया जा रहा है। उस पर अज्ञात लोगों ने हमला भी किया है। उसके द्वारा पुलिस में की गई शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, उसकी रिपोर्ट भी नहीं लिखी गई। जिसके बाद उसने कोर्ट की शरण ली, तब जाकर उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई। इस मामले में हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू का ट्रांसफर कर दिया था। सरकार ने संजय कुंडू को आयुष विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर तैनात किया था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर उन्हें बड़ी राहत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाया तबादले पर स्टे

सीनियर आईपीएस अफसर संजय कुंडू को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। उनके द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनके तबादले पर रोक लगा दी है। उनके तबादले का आर्डर 26 दिसंबर को हुआ था। इस मामले में कोर्ट का कहना है कि जब तक आदेश वापसी की याचिका पर कोर्ट फैसला नहीं लेता है। तब तक उनके तबादले के आदेश पर स्टे लगा रहेगा।

ये है मामला

दरअसल ये पूरा विवाद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर कारोबारी निशांत शर्मा से जुड़ा है। निशांत का उनके पार्टनर से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है। बताया जा रहा है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए डीजीपी द्वारा प्रेशर बनाया जा रहा था। जिसके चलते कारोबारी ने आरोप लगाया था कि जब वे अपने परिवार के साथ जा रहे थे। तभी अज्ञात बदमाशों ने भी उन पर हमला किया था। जिसकी शिकायत उन्होंने कांगड़ा एसपी को की थी। लेकिन उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। बाद में हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही इस मामले में केस दर्ज हुआ था।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

​इस मामले में शिमला एसपी की स्टेट्स रिपोर्ट में खुलासा किया गया था। कि जब कारोबारी पर हमला हुआ था। उससे पहले करोबारी को डीजीपी कार्यालय से कई फोन गए थे। उनकी रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि कारोबारी की ​निगरानी रखी जा रही थी। इस रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और एसपी शालिनी अग्निहोत्री का ट्रांसफर कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि इन दोनों के पद पर रहते हुए जांच निष्पक्ष तरीके से करना मुश्किल है।

 

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