कांग्रेस के बागी विधायकों से चंडीगढ़ में मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वहीं बागी विधायकों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में जल्द ही सरकार गिरेगी।
चंडीगढ़. हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अभी भी संकट के बादल छाए हुए है। हालही पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य चंडीगढ़ पहुंचकर बागी विधायकों से मिले। इसके बाद वे दिल्ली रवाना हो गए। वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायकों का कहना है कि किसी भी वक्त खबर आ जाएगी कि हिमाचल में सरकार बदल गई है। विधानसभा से अयोग्य घोषित हुए विधायकों का भी कहना है कि जल्द ही सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार गिर जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य गुरुवार देर रात चंडीगढ़ पहुंचे। जहां उन्होंने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि विक्रमादित्य भी इन बागी विधायकों के साथ खड़े हो सकते हैं। क्योंकि कोर्ट में विधायकों की सदस्यता पर पॉजीटिव फैसला आने पर आगामी रणनीति पर चर्चा हुई है।
संकट टलने का दावा कर रहे सीएम और पर्यवेक्षक
आपको बतादें कि हिमाचल प्रदेश में चल रही राजनीतिक खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को कैबिनेट बैठे छोड़कर गए मंत्र विक्रमादित्य चंडीगढ़ पहुंचे और वहां उन्होंने कांग्रेस के सभी 6 विधायकों से मुलाकात की। इससे साफ पता चल रहा है कि हिमाचलय प्रदेश में अभी कुछ भी हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ हिमाचलय प्रदेश के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार का कहना है कि सकंट टल गया है। जबकि जो सामने आ रहा है। वह कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है।
डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस
आपको बतादें कि हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान ही राजनीतिक संकट शुरू हो गया था। क्योंकि कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रास वोटिंग कर दी थी। जिसका खामियाजा सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार को भुगतना पड़ रहा है। पूर्ण बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस को यहां से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद विपक्ष भी सीएम के इस्तीफे की मांग करने लगा, वहीं कांग्रेस डैमेज कंट्रोल करने में जुटी है।
सरकार बचाने के लिए समन्वय समिति
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने साफ कहा दिया था कि वे यौद्धा की तरह लड़ेंगे, सरकार पूरी 5 साल तक चलेगी। उन्होंने इस्तीफा देने से भी साफ इंकार कर दिया था। अब कांग्रेस पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक 5 साल तक कांग्रेस की सरकार चाहते हैं। उनके बीच जो मतभेद थे वे भी सुलझ गए हैं। सब मिलकर पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे सरकार के बीच कुछ लोगों की एक समन्वय समिति बना रहे हैं। जो पार्टी और सरकार बचाने के लिए काम करेगी।