भारत की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का परीक्षण बेंगलुरु में किया गया। मेट्रो ट्रेन को आने वाले चार महीनों में कुल 37 टेस्टों से होकर गुजरना पड़ेगा।
बेंगलुरु। तकनीक के मामले में लगातार तरक्की करता जा रहा है। अब मेट्रो रेल जल्द ही बिना ड्राइवर के दौड़ा करेगी। भारत की पहले बिना ड्राइवर की मेट्रो रेल की टेस्टिंग बेंगलुरु में की गई है। मेट्रो ट्रेन को 37 परीक्षण से होकर गुजरना पड़ेगा। ड्राइवर लेस मेट्रो रेल का सफल परीक्षण के बाद इसे जल्द ही पटरी पर दौड़ाने के लिए भी काम शुरू किया जाएगा।
जल्द ही ट्रैक पर होगा परीक्षण
बेंगलुरु मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMRCL) का कहना है कि भारत की पहली ड्राइवर लेस मेट्रो रेल को ट्रैक पर दौड़ाकर परीक्षण करने के लिए वह पूरी तरह तैयार है। जल्द ही इसे टेस्टिंग के लिए ट्रैक पर रखने की तैयारी है। येलो लाइन पर चलने वाली इस ट्रेन की असेंबलिंग का काम पहले ही पूरा हो चुका है। खास बात ये है कि मेट्रो रेल की असेंबलिंग का काम चीन ने की इंजीनियरों की देखरेख में किया गया है।
अगले चार महीने में होंगे 37 टेस्ट
बीएमआरसीएल ने कहा है कि अगले चार महीनों में ट्रेन 37 परीक्षणों से होकर गुजरेगी। ड्राइवर लेस ट्रेन को हर परीस्थिति और तकनीकी प्रॉब्लम्स के साथ हर स्थिति में टेस्ट करके देखना होगा। यह भी कहा गया है कि नया रोलिंग स्टॉक होने के कारण ट्रेन का कई टेस्टिंग करने की जरूरत है। स्टैटिकल और इलेक्ट्रिकल सर्किट के परीक्षण के लिए परीक्षण ट्रैक पर जाने से पहले सभी कोच को एकत्र किया गया है। इन्हें मेनलाइन टेस्टिंग के लिए बाद में ले जाया जाएगा। चार महीने तक लगभग 37 तरह के टेस्ट इस ड्राइवर लेस ट्रेन के लिए किए जाएंगे।
बीएमआरसीएल के मुताबिक मई माह तक दो और मेट्रो ट्रेनों के बेंगलुरु पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ ही यदि सबकुछ ठीक रहा तो जून से हर महीने बेंगलुरु को दो ड्राइवर लेस मेट्रो ट्रेन मिला करेंगी। ये ड्राइवर लेस ट्रेनें 90 सेकेंड्स की फ्रीक्वेंसी पर दौड़ेगी और इसका एक कोच करीब 21 मीटर लंबा होगा।