भारतीय महिलाओं के लिए ज्वेलरी बहुत मूल्यवान होती है। यह उनकी संस्कृति-समाज और पुरानी यादों से जुड़ी होती है। यही वजह है कि महिलाएं अपनी ज्वेलरी बहुत सहेजकर और बड़े प्यार से रखती हैं, लेकिन जब वो गुम हो जाती हैं, तो तब उनके लिए एक सदमा होता है।
कोच्चि(Kochi). भारतीय महिलाओं के लिए ज्वेलरी बहुत मूल्यवान होती है। यह उनकी संस्कृति-समाज और पुरानी यादों से जुड़ी होती है। यही वजह है कि महिलाएं अपनी ज्वेलरी बहुत सहेजकर और बड़े प्यार से रखती हैं, लेकिन जब वो गुम हो जाती हैं, तो तब उनके लिए एक सदमा होता है। ऐसा ही मामला केरल में सामने आया। यहां अच्छी बात यह रही कि पुलिस ने महिला की भावनाओं को समझा और बेशक उसकी ज्वेलरी नहीं ढूंढ़ पाई, लेकिन नई लाकर उसे गिफ्ट कर दी।
1.पलक्कड़ जिले के ओट्टापलम पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले को पुलिस ने महिला को अपनी तरफ से ज्वेलरी गिफ्ट करके क्लोज किया।
2. दो साल पहले पजामबलक्कोड की एक बुजुर्ग महिला ने ओट्टापलम स्टेशन में शिकायत की कि उसकी 1.5 तोला सोने की चेन खो गई है। यह घटना फरवरी 2019 में हुई थी, जब वह एक्स-रे लेने के लिए ओट्टापलम तालुक अस्पताल आई थी।
3. महिला ने पुलिस को बताया था कि एक्स-रे प्रॉसेस के दौरान उसे चेन निकालने के लिए कहा गया था। उसने चेन अपने पर्स में रख ली। लेकिन पर्स इमेजिंग सेंटर में कहीं रख दिया था। एक्स-रे लेने के बाद उसे पर्स नहीं मिला। शायद वो भूल गई थी कि पर्स कहां रखा था?
4.बेचारी महिला थाने गई और शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, पुलिस मामला दर्ज नहीं कर सकी क्योंकि महिला के पास ऐसा कोई सबूत नहीं था कि उसका पर्स वाकई गुमा है कि कहीं रखकर भूल गई।
5. महिला को वो चेन उसके पति ने शादी के समय गिफ्ट की थी। यानी वो चेन उसकी सुनहरी यादों से जुड़ी थी।
6.ओट्टापलम पुलिस ने मामले की जांच में पूरी शिद्दत से काम किया। एक्स-रे सेंटर के कर्मचारियों सहित कई लोगों से पूछताछ की। उन्होंने केंद्र पर आए अन्य मरीजों से भी पूछताछ की, लेकिन कुछ भी रिजल्ट नहीं निकला। CCTV न होने से भी कोई सुराग मिलने में दिक्कत आ रही थी।
7.महिला आएदिन अपनी चेन के बारे में जानकारी लेने पुलिस स्टेशन पहुंचती थी। पुलिसकर्मियों को बुजुर्ग महिला को कानूनी पहलुओं को समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
8. 31 मार्च को मामले की स्थिति जानने के लिए महिला दोबारा थाने पहुंची। तब यहां के पुलिसकर्मी गोविन्द प्रसाद की सर्विस का अंतिम दिन था।
9. गोविंद प्रसाद ने कहा-"जब मैंने उसकी उदासी और निराशा देखी, तो मुझे बहुत दु:ख हुआ। मैंने इसे सर्किल इंस्पेक्टर सुजीत के साथ शेयर किया। उन्होंने एक नई चेन खरीदने की संभावना तलाशी। इस तरह स्टेशन का हर पुलिसकर्मी पैसे जमा करने और महिला को एक नई चेन देने के लिए तैयार हो गया।"
10. चूंकि यह गोविंदप्रसाद के रिटायमेंट का आखिरी दिन था, इसलिए सर्किल इंस्पेक्टर ने कहा कि हार उसी दिन दिया जा सकता है। गोविंद प्रसाद ने कहा-"यह मेरी सेवा में सबसे खुशी के क्षणों में से एक था और वह बुजुर्ग महिला भी खुश थी।"
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