Pornography Cybercrime: दिल्ली के इस पुलिस आफिसर की मदद से FBI ने पकड़ा ऐसा साइबर गैंग, जिसके कारनामे शॉक्ड करते हैं

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने FBI के साथ एक ज्वाइंट ऑपरेशन में अमेरिकियों को ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। ऑपरेशन में चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। सिंडिकेट के दो और सदस्य अमेरिका और कनाडा में पकड़े गए हैं। 

 

Contributor Asianet | Published : Jun 19, 2023 7:48 AM IST / Updated: Jun 19 2023, 01:20 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन(FBI-अमेरिका) के साथ एक ज्वाइंट ऑपरेशन में अमेरिकियों को ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। ऑपरेशन में चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। सिंडिकेट के दो और सदस्य अमेरिका और कनाडा में पकड़े गए हैं। इस तरह 6 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

पोर्नोग्राफी या ड्रग्स में फंसाने का डर दिखाकर 20 मिलियन डॉलर से अधिक की लूट

यह अब तक का सबसे बड़ा वसूली गैंग माना जा रहा है। इस सिंडिकेट द्वारा पीड़ितों को डरा-धमकाकर करीब 20 मिलियन डॉलर वसूलने का अनुमान लगाया गया है। इस मामले की जांच के तहत FBI ने लगभग 50 पीड़ितों से बात की। दिल्ली पुलिस ने उनमें से दो से वीडियो कॉल पर बात की।

स्पेशल कमिश्नर पुलिस एचजीएस धालीवाल के अनुसार, संदिग्धों ने खुद को प्रसिद्ध अमेरिकी वकील उत्तम ढिल्लो के रूप में पेश किया। उत्तम ढिल्लो एक एक्स लॉ एन्फॉर्समेंट आफिसर रहे हैं। उन्होंने ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) के एक्टिंग एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में कार्य किया था। संदिग्धों ने पीड़ितों को ड्रग तस्करी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के फर्जी मामलों में गिरफ्तारी की धमकी देकर फंसाया था।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ड्रग तस्करी: शॉकिंग साइबर क्राइम

मुख्य संदिग्ध की पहचान पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी के वत्सल मेहता के रूप में हुई है। उसका सहयोगी अहमदाबाद का पार्थ अरमरकर है। धालीवाल की टीम का एफबीआई के साथ यह तीसरा ऑपरेशन था। इससे पहले इनकी टीम ने पश्चिमी दिल्ली से ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था। वांछित गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को भी एफबीआई की मदद से मैक्सिको से पकड़ा गया था।

मौजूदा रैकेट दिल्ली और युगांडा से ऑपरेट होता है। मेहता और अरमारकर के अलावा दो अन्य-दीपक अरोड़ा और प्रशांत कुमार अन्य जगहों से गिरोह के लिए काम करते थे। संदिग्धों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चकमा देने के लिए युगांडा और भारत के बीच यात्रा की।

इंटरनेशनल साइबर क्रिमनल्स: साइबर अलर्ट

संदिग्धों ने उत्तम ढिल्लों के रूप में खुद को प्रेजेंट कर पीड़ितों से संपर्क किया। इसके बाद दावा किया कि उन्हें चाइल्ड पोर्नोग्राफी या मादक पदार्थों की तस्करी वाले वीडियो और सबूत मिले हैं। पीड़ितों ने गूगल के जरिये उत्तम ढिल्लो को सर्च किया। उन्हें लगा कि ये वाकई पुलिसवाले होंगे।

आरोपियों ने पीड़ितों को उनके कंप्यूटर सिस्टम से आपत्तिजनक क्लिप की बरामदगी के झूठे सबूत दिखाए। फिर उन पर ग्लोबल ड्रग कॉर्टेल के लिए काम करने का आरोप लगाया गया। उनसे मामला रफा-दफा करने एक लाख डॉलर मांगे गए। जेल जाने के डर से कइयों ने कैश, गोल्ड या क्रिप्टोकरेंसी के जरिये पैसे दे दिए।

इन पीड़ितों में से कुछ ने DEA और FBI से संपर्क किया था। इसके बाद FBI ने दिल्ली स्पेशल सेल से संपर्क किया था। सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से भी कार्डिनेट किया गया।

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