केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी पर चर्चा करते हुए कहा कि एआई या एआई के संचालित प्रोग्राम में कंटेंट का प्रयोग, शेयरिंग और स्टोरेज की जिम्मेदारी भी उनकी है। आईटी नियमों का पालन जरूरी।
नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करने वाले प्लेटफॉर्म की इंटरनेट पर साझा हो रही चीजों को लेकर भी बड़ी जिम्मेदारी बनती है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इनफॉरमेशन टेक्नॉलॉजी डिपार्टमेंट से ये एडवाइजरी जारी की गई है कि वे कंटेंट का प्रयोग, शेयरिंग और स्टोरिंग के संबंध में आईटी रूल्स के तहत बनाए गए नियमों का पालन करने के साथ ही करें।
देश की अखंडता को खतरा नहीं पहुंच सकता
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि ये एडाइजरी एआई और एआई की ओर से जारी गलत इनफॉरमेशन पर रोशनी डालती है। मंत्री ने कहा है कि एआी से जुड़े किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई इनफॉर्मेशन या एलगोरिदम जोड़ने से पहले ये स्पष्ट कर लें कि यह इंटेंशनली या भेदभाव से प्रेरित तो नहीं है। इससे देश की अखंडता को भी खतरा पहुंच सकता है।
मंत्री ने कहा कि एडवाइजरी में कहा गया है कि एलएलएम की ओर से डीपफेक और गलत कंटेंट के प्रय़ोग के संबंध में कहा गया है कि सभी इंटरमीडिएटर्स या प्लेटफार्म को तय करना होगा कि वे जो उनके हाथ में जो कंप्यूटर है उसपर जो भी प्रोग्राम चल रहा है वह किसी भी तरह से देश की अखंडता और एकता के लिए खतरनाक नहीं है।
मंत्री ने एआई और अन्य प्लेटफॉर्मों की जवाबदेही तय करने पर जोर दिया
मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने चर्चा के दौरान इस पर भी जोर दिया कि आज की तारीख में इंटरनेट के विस्तार को रोक पाना मुश्किल है। इंटरनेट को सेफ और रिलायबल बनाने के लिए सभी इनफॉरमेटिव और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की जवाबदेही को लेकर विचार करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह सलाह Google के जेमिनी और वास्तव में सिमिलर जेनरेटर एआई/एआई मॉडल और इंटरनेट पर मौजूद सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की हाल की घटनाओं को संबोधित करती है।