इजिप्ट में आयोजित इंटरनेशनल कुरान रिसाइटेशन कॉम्पिटिशन में चौथे पायदान पर रहे भारत के कारी मंजुर अहमद चर्चा में हैं। उनकी उम्र 26 साल है। वह कलिगंज गांव के करीमगंज जिले के रहने वाले हैं। यह जिला दक्षिण असम के बराक वैली का है।
नई दिल्ली. इजिप्ट में आयोजित इंटरनेशनल कुरान रिसाइटेशन कॉम्पिटिशन में चौथे पायदान पर रहे भारत के कारी मंजुर अहमद चर्चा में हैं। उनकी उम्र 26 साल है। वह कलिगंज गांव के करीमगंज जिले के रहने वाले हैं। यह जिला दक्षिण असम के बराक वैली का है।
भारतीय होने पर गर्व
कारी मंजूर ने तुर्कीयो और मलेशिया में आयोजित इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में भाग लिया था। कारी मंजुर ने बताया कि उन्हें भारतीय नागरिक होने के साथ अपनी इस उपलब्धि पर गर्व है।
कारी ने कहा है कि सभी धर्मों को एहसास एक है। यहां कोई नफरत नहीं है। उनकी इस उपलब्धि पर सभी समुदाय के लोगों की तरफ से प्रशंसा मिल रही है।
कुरान शांति प्रदान करती है
कारी ने बताया कि अगर हम नियम के साथ कुरान पढ़ेंगे तो हम अपनी जिंदगी में सफल हो सकते है। उन्होंने कहा कि जितना लोग कुरान पढ़ते हैं, वह शांत औऱ समझदार हो जाते हैं। इससे शांति और भाईचारे का भाव समाज में पैदा होता है।
65 देशों के प्रतिभागी हुए थे शामिल
इस कॉम्पिटिशन में करीबन 65 देशों के लोगों ने भाग लिया था। यह प्रतियोगिता इजिप्ट की सरकार करती है। यह प्रतियोगिता तीन स्टेज में संपन्न हुई। मंजुर अहमद ने बांग्लादेश के अल अजहर यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा कोर्स किया है। कारी अहमद ने कहा कि वह हमेशा असम में रहना चाहते हैं और इस्लामिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहते है।
सोर्स- आवाज द वॉयस