
CPM Leaders Controversy: त्रिशूर में सीपीएम नेताओं के खिलाफ ऑडियो क्लिप विवाद पर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने प्रतिक्रिया दी है। डीवाईएफआई नेता का खुलासा बेहद गंभीर है। आम आदमी का पैसा लूटा जा रहा है। सीपीएम को 'लुटेरों का गिरोह' कहने वाले हम नहीं हैं, ये तो खुद उनके नेता कह रहे हैं। पिनाराई सरकार के अंत की शुरुआत हो चुकी है। केरल में अब डीवाईएफआई नेता भी सुरक्षित नहीं हैं। केएसयू नेताओं को सिर पर कपड़ा डालकर, हाथ बांधकर कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस वाले राजा से भी बड़े राजभक्त बन गए हैं।
ऐसे पुलिसवालों को कान पकड़कर समझाना होगा। वर्दी की आड़ में कोई गुंडागर्दी नहीं चलेगी। मुख्यमंत्री डर के मारे चुप्पी साधे हुए हैं। केरल पुलिस को मुख्यमंत्री ने आतंकवादी बना दिया है। त्रिशूर के डीवाईएफआई नेता कह रहे हैं कि जिला नेतृत्व लुटेरा है, तो फिर राज्य नेतृत्व क्या है? सभी गड़बड़ घोटालों में सीपीएम नेता शामिल हैं। एन.एम. विजयन के परिवार के बारे में पूछे जाने पर विपक्ष नेता ने कहा कि वायनाड जिला कमेटी और केपीसीसी ने परिवार की मदद की है, इससे ज्यादा उन्हें कुछ नहीं पता।
एसआईआर निष्पक्ष चुनाव के खिलाफ बीजेपी की चाल है। वोटर लिस्ट 2002 में क्यों वापस जा रही है? 52 लाख लोगों के नाम फिर से जोड़ने पड़ेंगे। कितने ही योग्य लोगों को वोट डालने का मौका नहीं मिलेगा। 23 साल से वोट डालने वालों का नाम अचानक से गायब हो जाएगा। यही एसआईआर का जादू है। बिहार की तरह केरल में भी इसके खिलाफ ज़ोरदार आंदोलन किया जाएगा।