100 रेडियो के बीच PM Modi की आकृति, सैंड आर्टिस्ट ने Mann Ki Baat@100 का इस तरह मनाया जश्न-दिल जीत लेंगी तस्वीरें
भुवनेश्वर (ओडिशा) । 'मन की बात' के 100 एपिसोड का जश्न मनाने और स्वागत करने के लिए ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर रेत में ऐसी आकृति उकेरी गई है। जिनकी तस्वीरें आपका दिल जीत लेंगी। पद्म श्री अवार्डी सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने यह आकृति बनाई है।
Rajkumar Upadhyay | Published : Apr 29, 2023 8:41 AM IST / Updated: Apr 29 2023, 02:19 PM IST
रेत पर रेडियो की कलात्मक कृतियां
सुदर्शन पटनायक ने 100 रेडियो के बीच पीएम मोदी की रेत की मूर्ति बनाई है। रेत पर रेडियो की बनी कलात्मक कृतियां अनूठा संदेश प्रसारित कर रही हैं। सुदर्शन सैंड आर्ट के जरिए विभिन्न मुद्दो पर समाज को जागरुक करने की कोशिश करते रहे हैं। आपको बता दें कि पीएम मोदी का रेडियो पर पहली बार संबोधन 3 अक्टूबर 2014 को हुआ था। आगामी 30 अप्रैल को 'मन की बात' का 100 वॉं एपिसोड प्रसारित होगा।
रेत की आकृति 8 फुट ऊंची
जानकारी के अनुसार, सुदर्शन पटनायक ने इस कलाकृति को बनाने के लिए करीब 7 टन रेत का उपयोग किया है। तस्वीर में दिख रही रेत की यह आकृति लगभग 8 फुट ऊंची है। रेत से 100 रेडियो बनाए गए हैं और उनके बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी एक रेत की मूर्ति बनाई गई है। इस क्रिएटिविटी में सैंड आर्ट स्कूल के छात्र भी शामिल हुए थे।
'मन की बात' कार्यक्रम पर पहले भी बना चुके हैं मूर्ति
सुदर्शन ने कहा कि इसके पहले भी उन्होंने 'मन की बात' कार्यक्रम में कई मौकों पर रेत की आकृतियां बनाई हैं। विश्व रेडियो दिवस के मौके पर भी उन्होंने रेत पर रेडियो की मूर्तियां बनाईं।
100वें संस्करण का स्वागत करने के लिए बनाए 100 सैंड रेडियो
उन्होंने रेत पर बनाई गई मूर्तियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा है कि कृपया 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे लोकप्रिय 'मन की बात' कार्यक्रम के 100वें संस्करण को देखें। मैंने ओडिशा के पुरी तट पर अपने अपने सैंड आर्ट में 'मन की बात' के यादगार एपिसोड का जश्न मनाने और उसका स्वागत करने के लिए 100 सैंड रेडियो बनाए हैं।
दुनिया भर में 60 से अधिक सैंड आर्ट प्रतियोगिताओं में हुए शामिल
आपको बता दें कि पद्म अवार्डी सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने अपनी कला से दुनिया भर में शोहरत बटोरी है। वह विदेशी धरती पर 60 से अधिक सैंड आर्ट प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं। कई पुरस्कारों से नवाजे भी गए हैं। संयुक्त राष्ट्र, WHO और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण द्वारा उनके सैंड आर्ट की सराहना भी की जाती है।