दिल्ली में तेज रफ्तार गाड़ी के कहर ने एक परिवार पर गहरा संकट पैदा कर दिया है। तेज रफ्तार BMW कार की चपेट में आने से हुई दुर्घटना में मारे गए 36 वर्षीय व्यक्ति का परिवार गहरे सदमे में है। एकमात्र कमाने वाला व्यक्ति था।
नई दिल्ली. दिल्ली में तेज रफ्तार गाड़ी के कहर ने एक परिवार पर गहरा संकट पैदा कर दिया है। तेज रफ्तार BMW कार की चपेट में आने से हुई दुर्घटना में मारे गए 36 वर्षीय व्यक्ति का परिवार गहरे सदमे में है। एकमात्र कमाने वाला व्यक्ति था। पुलिस ने कहा कि अजय गुप्ता रविवार(21 मई) तड़के पश्चिमी दिल्ली के मोती बाग मेट्रो स्टेशन के पास अपने दोपहिया वाहन से घर लौट रहे थे, तभी वाहन ने उन्हें रौंद डाला। उनके परिवार में उनकी पत्नी और 4 और 11 साल की दो लड़कियां हैं। वे बसई दारापुर में रहती हैं।
दिल्ली में सड़क एक्सीडेंट और इमोशनल कहानी
अजय के भाई आशीष गुप्ता ने मीडिया को बताया कि उसका भाई उस रात पेट में दर्द के कारण बेचैनी महसूस कर रहा था, जिसके बाद वह कुछ दवा लेने गया था। हालांकि, घंटों बाद उन्हें फोन आया कि अजय का एक्सीडेंट हो गया है।
आशीष गुप्ता ने कहा-"मैं अस्पताल गया और पता चला कि मेरे भाई को एक बीएमडब्ल्यू कार ने टक्कर मार दी थी, जिसे एक महिला नशे की हालत में चला रही थी। वह 150 किमी प्रति घंटे की गति से वाहन चला रही थी। मेरे भाई के सिर, आंखों और शरीर के अन्य हिस्सों में पर गंभीर चोटें आई थीं। बाद में, डॉक्टर ने हमें उसे दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए कहा, क्योंकि उसकी हालत गंभीर थी।"
नशे की हालत में गाड़ी ड्राइविंग करना जुर्म है
गुप्ता के परिवार ने आरोप लगाया कि दुर्घटना के सिलसिले में गिरफ्तार की गई महिला चालक नशे में थी। हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है, जो उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
उनके रिश्तेदारों के अनुसार, गुप्ता के पास कोई स्थायी जॉब या रेग्युलर इनकम नहीं थी। उनके पिता लकवे से पीड़ित हैं और पिछले तीन साल से बिस्तर पर हैं। पीड़िता के पिता की किराने की दुकान है, जिसे अजय समेत उनके चार बेटे चलाते हैं।
उनके भाई ने कहा, "अजय की आर्थिक स्थिति कमजोर थी क्योंकि उनके पास स्थिर नौकरी नहीं थी। वह दुकान पर अपने भाइयों की मदद करते थे और अपने परिवार की आर्थिक मदद को पूरा करने के लिए थोड़ा और कमाने के लिए लगातार काम के अवसरों की तलाश में रहते थे।"
सड़क हादसे से जुड़ी इमोशनल कहानी
पीड़िता के परिजनों ने बताया कि महज दो महीने पहले उसकी चार साल की बेटी को नर्सरी स्कूल में भर्ती कराया गया था। जब से गुप्ता के परिवार को उनकी मौत के बारे में पता चला है, वे गमगीन हैं। उनकी पत्नी मंगला गुप्ता अभी भी सदमे में हैं। उन्होंने रोते हुए कहा कि वे अपनी बेटियों के लिए न्याय चाहती हैं और अपने पति को वापस चाहती हैं।
मंगला ने रोते हुए कहा-"अब मुझे क्या चाहिए? मुझे बस अपनी बेटियों के लिए न्याय चाहिए। मुझे नहीं पता कि उन्हें कैसे समझाऊं कि उनके पिता हमेशा के लिए चले गए हैं... मुझे बस अपने पति की वापसी चाहिए।"
दिल्ली में आर्किटेक्ट की कार से एक्सीडेंट
BMW अशोक विहार निवासी 28 वर्षीय महिला चला रही थी। वो प्रोफेशन से आर्किटेक्ट है। कहा जा रहा है कि कार की स्पीड अधिक थी। कार ने पहले एक जनरेटर को टक्कर मारी और फिर गुप्ता के ऊपर चढ़ गई। पुलिस ने कहा कि वह ग्रेटर कैलाश में एक पार्टी से लौट रही थी, जब दुर्घटना हुई।
पुलिस ने इंडियन पेनल कोड की धारा 279 (रश ड्राइविंग ), 337 (जीवन को खतरे में डालने या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा से चोट पहुंचाना) और बाद में धारा 304 ए (लापरवाही से मौत का कारण) के तहत मामला दर्ज किया है।
गुप्ता के परिजनों ने कहा कि वे दोनों बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वे यही सोचकर परेशान हैं कि वे अपनी दैनिक आवश्यकताओं और आगे की शिक्षा के खर्चों को कैसे पूरा करेंगे?
एक रिश्तेदार ने कहा, "चार साल की छोटी बच्ची को बताया गया था कि उसके पिता अब नहीं रहे, लेकिन उसमें इतनी मैच्योर नहीं है कि वह यह समझ सके कि उसके पिता कभी वापस नहीं आएंगे...वह उनके बारे में पूछती रहती है।"
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