उत्तराखंड सरकार की होमस्टे अनुदान योजना के तहत ट्रैकिंग रूट्स पर होमस्टे स्थापित करने वालों को 60,000 रुपये प्रति कमरे का अनुदान दिया जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा और ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिलेगा। जाने स्कीम के अन्य लाभ।
नैनीताल। देवभूमि उत्तराखंड अपनी नैसर्गिक सुंदरता के कारण पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण केंद्र बनता जा रहा है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही हैं, बल्कि पलायन की समस्या को भी कम कर रही हैं। उत्तराखंड सरकार इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और प्राेग्राम चला रही है।
पहले पर्यटकों को रुकने और खाने-पीने की पर्याप्त सुविधाएं न मिलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता था और कम आय की वजह से कई युवा इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर नहीं तलाशते थे। लेकिन अब सरकार ने "ट्रेकिंग एट्रेक्शन सेंटर होमस्टे अनुदान योजना" के तहत होमस्टे स्थापित करने वालों को वित्तीय सहायता देकर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाया है।
नैनीताल के पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि इस योजना के तहत स्थानीय युवा या ग्रामीण, जो ट्रेकिंग रूट्स के आसपास होमस्टे स्थापित करेंगे, उन्हें प्रति कमरे ₹60,000 तक का अनुदान मिलेगा। इसके अलावा होमस्टे के नवीनीकरण के लिए ₹25,000 की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के साथ-साथ पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।
हालांकि इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड तय किए गए हैं, जिनमें से प्रमुख यह है कि होमस्टे संचालकों को अपने परिवार के साथ उसी परिसर में रहना होगा, ताकि पर्यटक स्थानीय संस्कृति और आतिथ्य का वास्तविक अनुभव कर सकें। योजना का लाभ लेने के लिए होमस्टे रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है। इच्छुक व्यक्ति पर्यटन विभाग की वेबसाइट www.Uttarakhandtourism.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं या पर्यटन कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। इस कदम से उम्मीद है कि उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
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