
Vadnagar Archaeological Experience Museum: उत्तर गुजरात के ऐतिहासिक शहर वडनगर की पहचान केवल 2500 साल पुरानी विरासत तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह शहर सांस्कृतिक पर्यटन का नया केंद्र भी बनता जा रहा है। 16 जनवरी 2025 को उद्घाटन के बाद से वडनगर आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम ने आगंतुकों को आकर्षित किया है। आंकड़े बताते हैं कि 31 अगस्त 2025 तक पूरे भारत से 95,658 लोग इस अनोखे म्यूजियम का अनुभव लेने पहुंचे।
वडनगर आर्कियोलॉजिकल एक्सपीरियंस म्यूजियम सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों तक, हर किसी के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह न सिर्फ पर्यटन स्थल है बल्कि शैक्षणिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन रहा है।
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यह म्यूजियम वडनगर की 2500 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक धरोहर का जीवंत रूप प्रस्तुत करता है।
म्यूजियम में मिट्टी के बर्तन, शंख निर्माण, सिक्के, आभूषण, हथियार, औजार, शिल्प, खेल सामग्री और खाद्यान्न के अवशेषों जैसी 5000 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
म्यूजियम में केवल अवशेष ही नहीं, बल्कि ऑडियो-विजुअल फिल्में और आकर्षक प्रदर्शनियां भी आगंतुकों को एक नया अनुभव देती हैं। इस कारण यह स्थान इतिहास प्रेमियों और शोधार्थियों के लिए खास महत्व रखता है।
आगामी 9 और 10 अक्टूबर 2025 को मेहसाणा में आयोजित होने वाली वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (VGRC) में यह म्यूजियम मुख्य आकर्षण रहेगा। इस मंच पर भारत की समृद्ध पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत के साथ गुजरात पर्यटन के प्रयासों की झलक भी देखने को मिलेगी।
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