झारखंड जमीन घोटाला: जिसे देखकर यूथ करते थे UPSC एग्जाम की तैयारी, ये युवा IAS छवि रंजन रोते हुए गए जेल, पढ़िए क्यों ED ने पकड़ा

Published : May 06, 2023, 07:07 AM ISTUpdated : May 06, 2023, 12:04 PM IST
IAS officer Chhavi Ranjan

सार

UPSC एग्जाम की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों के लिए कभी झारखंड कैडर-2011 बैच के युवा IAS छवि रंजन आइडल माने जाते थे, अब वे 'विलेन' बनकर उभरे हैं। जमीन घोटाले में गिरफ्तार छवि रंजन को रांची की स्पेशल PMLA कोर्ट ने 6 दिनों की ED रिमांड पर भेज दिया है। 

रांची. UPSC एग्जाम की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों के लिए कभी झारखंड कैडर-2011 बैच के युवा IAS छवि रंजन आइडल माने जाते थे, अब वे 'विलेन' बनकर उभरे हैं। उन्हें शनिवार को ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 6 दिनों की ED रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि जमीन घोटाले में गिरफ्तार छवि रंजन की प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी।

झारखंड के समाज कल्याण विभाग के सचिव आईएएस छवि रंजन को ईडी ने 4 मई को 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। आईएस पर रांची में जाली दस्तावेजों के जरिये सेना को आवंटित जमीन बेचने के गंभीर आरोप लगे हैं। ED की विशेष अदालत ने 5 मई को उन्हें न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल, होटवार भेजा था।

ईडी ने 24 अप्रैल को कथित अवैध भूमि सौदों में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में रंजन से लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की थी।

एजेंसी ने 13 अप्रैल को भी रंजन से छोटी सी पूछताछ की थी, जब उनके और झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य परिसरों में तलाशी ली गई थी।

ईडी ने इससे पहले छापेमारी के बाद झारखंड सरकार के एक अधिकारी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था।

केंद्रीय एजेंसी एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों की जांच कर रही है, जिनमें से एक रक्षा भूमि से संबंधित है, जिसमें भू-माफियाओं, बिचौलियों और नौकरशाहों के एक समूह ने 1932 की शुरुआत से कथित रूप से जाली कार्यों और दस्तावेजों में सांठगांठ की थी।

सूत्रों ने कहा था कि इस धोखाधड़ी के तहत गरीबों और दलितों की जमीनों को हड़प लिया गया। यह दूसरा मामला है जिसमें झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में आए हैं। 

पिछले साल, केंद्रीय एजेंसी ने 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को खूंटी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कथित गबन और अन्य संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।

ED की शुरुआती जांच में सामने आया है कि जब छवि रंजन रांची के DC थे, तब फर्जी कागजात के आधार पर बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई थी। इनमें बरियातू में मौजूद सेना की जमीन भी शामिल थी।

जांच में पता चला कि पिछले 90 साल से इस जमीन पर सेना का कब्जा था। लेकिन IAS की मिलीभगत से 2021 में प्रदीप बागची नामक शख्स ने अपना मालिकाना हक जताते हुए जगतबंधु टी एस्टेट के डायरेक्टर दिलीप कुमार घोष को यह जमीन बेच दी। जमीन की सरकारी रेट 20 करोड़ 75 लाख 84200 रुपये आंकी गई, लेकिन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसे सिर्फ 7 करोड़ में बेच दिया।

इसमें से 25 लाख रुपये ही प्रदीप बागची के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुए। बाकी पैसे चेक के जरिए डीडी 6888/2021 में दी गई। हालांकि जब घोटाले की जांच शुरू हुई, तब मालूम चला कि चैक के अकाउंट में कोई पैसा नहीं पहुंचा।

आईएएस छवि रंजन पहले भी विवादों में आ चुके हैं। जब 2015 में छवि रंजन कोडरमा के डीसी थे, तब उन्होंने मरकच्चो जिला परिषद डाक बंगला परिसर में लगे शीशम के पेड़ों को कटवा कर अपने घर रखवाया था। छवि रंजन ने हाईकोर्ट के वकील राजीव कुमार को भी धमकाया था। MLA सीपी सिंह ने भी आर्म्स लाइसेंस के लिए इन पर पैसे मांगने का आरोप लगाया था।

यह भी पढ़ें

दिनदहाड़े एक ही परिवार के 6 लोगों के मर्डर का SHOCKING VIDEO, चंबल में पान सिंह तोमर के गांव के पास नरसंहार

जिन भाइयों के विवाद को SP-कलेक्टर तक नहीं सुलझा पाए, DSP ने 2 घंटे में निपटा दिया, खुशी से मुगदर घुमाने लगा फरियादी, Video

 

PREV

झारखंड की सरकार, खनन-उद्योग, आदिवासी क्षेत्रों की खबरें, रोजगार-विकास परियोजनाएं और सुरक्षा अपडेट्स पढ़ें। रांची, जमशेदपुर, धनबाद और ग्रामीण इलाकों की ताज़ा जानकारी के लिए Jharkhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय स्थानीय रिपोर्टिंग सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

गोवा नाइट क्लब हादसा: झारखंड के 2 भाइयों की मौत, अंतिम संस्कार में पूरा गांव रोया
झारखंड: गैस लीक से 2 महिलाओं की मौत, लोगों ने किया धनबाद-रांची रोड जाम