कालीमाटी कैसे बना जमशेदपुर...जानें क्या है इस शहर से रतन टाटा का नाता?

जानिए कैसे जमशेद जी नसरवान जी टाटा के सपनों ने झारखंड के कालीमाटी को आधुनिक जमशेदपुर शहर में बदल दिया, जहां टाटा समूह ने उद्योग और CSR के नए आयाम स्थापित किए हैं।

Surya Prakash Tripathi | Published : Oct 10, 2024 6:33 AM IST

जमशेदपुर। झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 125 किमी. की दूरी पर स्थित जमशेदपुर आज शोक में डूबा हुआ है। दुर्गा पूजा के जोश में डूबे बाजार अचानक शांति में बदल गए। पूजा पंडालों में बज रहे लाउडस्पीकर बंद कर दिए गए। कारण? टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन की दुखद खबर के बाद पूरा शहर शोक में डूब गया है। बुधवार रात जैसे ही यह खबर शहर में फैली, सभी जहां थे वहीं रुक गए और पंडालों में बज रहे गीतों को बंद कर दिया गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये जमशेदपुर शहर कितना पुराना है और काली माटी से इसका क्या रिश्ता है। आईए जानते हैं।

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कालीमाटी जैसे छोटा इलाका आखिर कैसे बन गया हाईटेक शहर जमशेदपुर

लगभग 120 साल पहले, जब झारखंड अविभाजित बंगाल का हिस्सा था, कालीमाटी नामक एक छोटे से गांव में जमशेद जी नसरवान जी टाटा ने एक सपना देखा। वह सपना था टिस्को यानी टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी लिमिटेड की स्थापना, जो आज टाटा स्टील के नाम से जानी जाती है। आदिवासी बस्ती साकची में टाटा कंपनी की नींव रखने के बाद, कालीमाटी जल्द ही आधुनिक शहर जमशेदपुर में बदलने लगी। चौड़ी सड़कें, पक्की नालियां, पार्क, और हरियाली का विस्तार शुरू हुआ, जिससे यह क्षेत्र धीरे-धीरे आधुनिक शहर की पहचान लेने लगा।

जमशेदपुर में टाटा समूह का CSR में नेतृत्व

झारखंड के अन्य औद्योगिक शहरों के विपरीत, जहां उद्योगों ने भूमि अधिग्रहण के बाद विस्थापितों की समस्याओं को अनदेखा किया, जमशेदपुर में टाटा समूह ने सरकारी एजेंसियों से बढ़कर काम किया। टाटा समूह ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत न केवल अपने कार्य क्षेत्रों में बल्कि अन्य इलाकों में भी बेहतर कार्य किए। इससे टाटा ग्रुप ने जमशेदपुर के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

टाटा समूह द्वारा जमशेदपुर में शैक्षिक और स्वास्थ्य संस्थानों का विस्तार

टाटा स्टील प्लांट के निर्माण के साथ ही, टाटा समूह ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी अहम कदम उठाए। सबसे पहले, टीएमएच की स्थापना एक डिस्पेंसरी के रूप में हुई थी, जिसे बाद में अस्पताल में परिवर्तित कर दिया गया। इसके बाद, कैंसर अस्पताल की स्थापना के साथ, टाटा ने क्षेत्र के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान कीं। शैक्षिक क्षेत्र में एक्सएलआरआई और आरआईटी की स्थापना ने जमशेदपुर को एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र बना दिया। एक्सएलआरआई को देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों के समकक्ष माना जाता है।

जमशेदपुर की शान है जुबली पार्क

1958 में टाटा स्टील द्वारा बनाए गए जुबली पार्क ने जमशेदपुर के सौंदर्य और शहरी विकास में एक अहम योगदान दिया। इस विशाल पार्क की योजना राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन की तर्ज पर बनाई गई थी। पार्क के भीतर मुगल गार्डन, रोज गार्डन, झील और मनोरंजन पार्क जैसे आकर्षण मौजूद हैं, जो इसे शहर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं।

रतन टाटा और जमशेदपुर का संबंध

रतन टाटा का जमशेदपुर से गहरा संबंध रहा है। वह बतौर चेयरमैन 26 बार जमशेदपुर आए थे और उनकी अंतिम यात्रा 2021 में हुई थी। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने जमशेदपुर को आधुनिक शहर बनाया। कर्मचारियों के बीच उनकी सादगी और सरल स्वभाव ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई।

झारखंड में राजकीय शोक

रतन टाटा के निधन के बाद झारखंड सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बयान में कहा, "टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर झारखंड में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा।"

 

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