
रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र (Jharkhand Assembly Budget 2023) में रोजगार को लेकर कई बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। सदन में स्थानीयता विधेयक लाए जाने की उम्मीद भी जतायी जा रही है। सियासी गलियारों में इसकी खूब चर्चा है, क्योंकि राज्यपाल 1932 आधारित स्थानीयता नीति को राज्य सरकार को वापस कर चुके हैं, उन्होंने विधेयक की वैद्यानिकता पर भी सवाल उठाए थे। इस प्रकरण को लेकर सत्ता पक्ष, राज्यपाल को कटघरे में खड़ा कर रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार की कोशिश होगी कि वह 1932 आधारित स्थानीय नीति और आरक्षण संशोधन विधेयक को सदन से फिर पास कराए।
बजट सत्र में 17 कार्य दिवस
27 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल रमेश बैस का अभिभाषण होगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक बजट तीन मार्च को पेश किया जाएगा। बजट सत्र में 17 कार्य दिवस हैं। होली व अन्य पर्वों की वजह से 5 से 12 मार्च तक छुट्टी रहेगी। उसके बाद बजट सत्र 13 से 24 मार्च तक नियमित चलेगा। 19 मार्च रविवार के दिन बैठक नहीं होगी।
अनुपूरक बजट एक मार्च को होगा पेश, दो मार्च को चर्चा और मतदान
सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा और शोक प्रस्ताव के बाद बैठक स्थगित हो जाएगी। 28 फरवरी को पहली पाली में प्रश्नकाल होगा, दूसरी पाली में राज्यपाल अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का तृतीय अनुपूरक बजट एक मार्च को पेश किया जाएगा। दूसरी पाली में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। उसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का उत्तर और मतदान होगा। तृतीय अनुपूरक बजट पर चर्चा और मतदान दो मार्च को होगी।
23-24 मार्च को पेश किए जाएंगे विधेयक
वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव तीन मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे। बजट सत्र में अगले वित्तीय वर्ष के लिए कई अहम योजनाओं की घोषणा संभव है। होली की छुट्टी 5 से 12 मार्च तक रहेगी। उसके अगले दिन यानि 13 मार्च को पहली पाली में प्रश्नकाल होगा। दूसरी पाली में बजट पर चर्चा होगी। विभिन्न विभागों की अनुदान मांगों पर 14 से 22 मार्च तक चर्चा होगी और 23-24 मार्च को विधेयक पेश किए जाएंगे। बजट सत्र का आखिरी दिन 23 मार्च को होगा। उस दिन कई गैर सरकारी संकल्प पेश किए जाएंगे।
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