झारखंड में 'कड़कनाथ' को फिर हुआ बर्ड फ्लू, चिकन-बत्तख खाने के शौकीनों को सरकार ने किया Alert

बोकारो जिले के एक सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद झारखंड सरकार अलर्ट पर है। लोहांचल के फार्म में चिकन की प्रोटीन से भरपूर नस्ल, जिसे 'कड़कनाथ' के नाम से जाना जाता है, में H5N1 variant वैरिएंट की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।

Amitabh Budholiya | Published : Feb 22, 2023 12:47 AM IST / Updated: Feb 22 2023, 06:19 AM IST

रांची(Ranchi). बोकारो जिले के एक सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद झारखंड सरकार अलर्ट पर है। सरकार की ओर से कहा कि लोहांचल के फार्म में चिकन की प्रोटीन से भरपूर नस्ल, जिसे 'कड़कनाथ' के नाम से जाना जाता है, में एच5एन1( H5N1 variant ) वैरिएंट की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।

लैब से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार लोहांचल स्थित गवर्नमेंट पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू से कड़कनाथ मुर्गों की मौत हुई है। इसके बाद एक किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्र को प्रभावित क्षेत्र(affected zone) घोषित किया गया है और 10 किमी के दायरे के क्षेत्र को निगरानी क्षेत्र(surveillance zone) घोषित किया गया है। बोकारो जिला प्रशासन द्वारा जारी एक आफिसियल बयान में कहा गया है, "इन क्षेत्रों में चिकन/बत्तख आदि की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।"

हेल्थ डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेट्री अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राज्य अलर्ट पर है। बोकारो के डिप्टी कमिश्नर कुलदीप चौधरी के मुताबिक जिले के सीमावर्ती इलाकों पर नजर रखने और बड़े पोल्ट्री फार्मों के मुर्गियों/बत्तखों के सैंपल लेने के लिए एक मेडिकल टीम का गठन किया गया है। साथ ही मेडिकल टीम को संक्रमित जोन में रहने वाले लोगों के सैंपल लेने को कहा है। वहीं बर्ड फ्लू से संक्रमित किसी के इलाज के लिए सदर अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है।

प्रशासन ने लोगों से कुछ दिनों तक चिकन/बतख खाने से परहेज करने का आग्रह किया है। इसमें कहा गया है कि मनुष्यों में संक्रमण के लक्षणों में पीठ के ऊपरी हिस्से में गंभीर दर्द, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी और थूक में खून शामिल हैं।

यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो इन्फ्लुएंजा यानी H5N1 वायरस के कारण होती है। ये आम तौर पर मुर्गियों और टर्की पक्षियों को प्रभावित करते हैं। वायरस के कई स्टेन हैं, उनमें से कुछ हल्के तो कुछ सिर्फ मुर्गियों को प्रभावित करते हैं। लेकिन कभी-कभी यह मानव सहित अन्य कई स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है। जब यह मानव को संक्रमित करता है तो इसे इन्फ्लूएंजा (श्लेष्मिक ज्वर) कहा जाता है। क्लिक करके पढ़ें

कड़कनाथ मुर्गे का मांस, खून, चोंच, अंडे, जुबान और शरीर सबकुछ काला होता है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। वहीं फैट की मात्रा भी बहुत कम होती है। इसके अलावा इसमें विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। क्लिक करके पढ़ें

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