
Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची से 100 किलोमीटर दूर स्थित रामगढ़ ज़िले का चेटर गांव काफ़ी लोकप्रिय है। इस गांव के हर तीसरे घर में आपको कोई न कोई शिक्षक, कोई सरकारी कर्मचारी या कोई पीएचडी स्कॉलर ज़रूर मिलेगा। यहां की खासियत यह है कि आज तक यहां का कोई मामला पुलिस थाने तक नहीं पहुंचा है। सभी मिलकर गंभीर से गंभीर मसले को भी सुलझा लेते हैं।
विदेशी विश्वविद्यालय भी इस गांव के मॉडल को समझने यहां आ चुके हैं। क्योंकि यह मॉडल काफ़ी लोकप्रिय हो रहा है। लोग जानने आते हैं कि इस गांव में इतनी शांति कैसे रहती है। इस गांव में मंदिर से लेकर मस्जिद, गिरजाघर तक सब कुछ है और कहीं कोई लड़ाई-झगड़ा या बहस नहीं होती है। यहां के लोग शिक्षा के प्रति काफ़ी जागरूक हैं। आपको यहां खेतों में कोई बाल मज़दूर नहीं दिखेगा। सभी स्कूल में पढ़ते हैं। यहां हाई स्कूल भी हैं। जहां 12वीं तक पढ़ाई होती है, वहां सभी बच्चे मन लगाकर पढ़ते नजर आएंगे। गांव में कई तरह की खेती होती है। गन्ना, धान, सब्ज़ियां, ये सब यहां देखने को मिलता है और सभी लोग खेती में बहुत लगन से काम करते हैं। ऐसे में पैदावार भी बहुत अच्छी होती है।
यहां के प्रधान का कहना है कि शिक्षा बहुत जरूरी है। यह जो शांति आप देख रहे हैं, वह शिक्षा की वजह से ही है। सभी लोग इतने पढ़े-लिखे हैं कि कोई भी लड़ना-झगड़ना पसंद नहीं करता। सभी शांति से रहना पसंद करते हैं। अगर कोई समस्या होती भी है, तो वे बहस भी नहीं करते, सीधे यहां ग्राम सभा में आते हैं।
यहां गांव के 10-12 बुजुर्ग मिलकर समस्या का समाधान करते हैं और सभी लोग उस समस्या को सिर झुकाकर स्वीकार करते हैं। कोई सवाल नहीं उठाते। यही वजह है कि हम कभी थाने नहीं जाते। यहां ग्राम सभा बच्चों को स्वच्छता के प्रति बहुत जागरूक करती है। सरकार की कई योजनाएं हैं। हम उन सभी को यहां लागू करने की पूरी कोशिश करते हैं। आज इस गांव के कई अधिकारी उच्च पदस्थ अधिकारियों और सिविल सेवाओं में शामिल होकर देश की सेवा कर रहे हैं। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। उन्हें देखकर बच्चों में पढ़ाई के लिए प्रेरणा आती है।
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