इस विधानसभा सीट ​के MLA पूरा नहीं कर पाते मंत्री पद का कार्यकाल, जगरनाथ महतो के साथ भी यही हुआ

इसे संयोग ही कहा जाएगा कि झारखंड के डुमरी विधानसभा सीट के जितने विधायक भी मंत्री बनें। वह मंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। जगरनाथ महतो के साथ भी यही हुआ। वह डुमरी विधानसभा सीट से तीसरे ऐसे विधायक थे, जो मंत्री बनें।

रांची। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि झारखंड के डुमरी विधानसभा सीट के जितने विधायक भी मंत्री बनें। वह मंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। जगरनाथ महतो के साथ भी यही हुआ। वह डुमरी विधानसभा सीट से तीसरे ऐसे विधायक थे, जो मंत्री बनें। पर वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। बीमारी से लंबे संघर्ष के बाद उनका निधन हो गया।

मध्यावधि चुनाव में समय से पहले गया मंत्री पद

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वर्ष 1967 में केपी सिंह ने राजा पार्टी से चुनाव लड़ा और डुमरी विधानसभा सीट से विधायक बने। उस समय झारखंड राज्य नहीं बना था। एकीकृत बिहार राज्य सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था। पर अचानक मध्यावधि चुनाव हो गए और उनका मंत्री के रूप में कार्यकाल समाप्त हो गया।

साल 2000 में मंत्री बने लालचंद महतों भी नहीं पूरा कर पाए कार्यकाल

झारखंड राज्य के गठन के बाद वर्ष 2000 में पहली सरकार बनी। उसमें डुमरी विधायक लालचंद महतो को उर्जा मंत्री बनाया गया था। वह नवगठित राज्य के पहले उर्जा मंत्री थे। पर उनका भी कार्यकाल सिर्फ 28 महीने का रहा।

2019 में मंत्री बने थे जगरनाथ महतो

जगरनाथ महतो वर्ष 2005 से लेकर 2019 तक लगातार चार बार डुमरी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। वर्ष 2019 में उनको स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का मंत्री बनाया गया। अब उनका भी असमय निधन हो गया। सितम्बर 2020 में उनकी सेहत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए चेन्नई के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया। नवम्बर 2020 में उनका लंग्स ट्रांसप्लांट हुआ था और जून 2021 में वह झारखंड लौटे। डॉक्टरों की आराम और परहेज की सलाह के बावजूद वह सियासत में सक्रिय रहें।

1977 से एक ही जाति के लोग एमएलए

आपके जानकर हैरानी होगी कि डुमरी विधानसभा सीट से वर्ष 1977 से एक ही जाति के लोग एमएलए हैं और 1977 के बाद कुर्मी जाति और डुमरी प्रखंड से बाहर के लोग ही विधायक चुने गए। 1977 से पहले हुए परिसीमन में नावाडीह और चन्द्रपुरा के नौ पंचायत डुमरी के साथ जोड़ दिया गए। तब से यहां का कोई व्यक्ति विधायक नहीं बन सका। 1977 के पहले डुमरी प्रखंड के लोगों को प्रतिनिधित्व का मौका मिला था। वर्ष 1977 में लालचंद महतो, वर्ष 1980 और 1985 में शिवा महतो, फिर वर्ष 1990 में लालचंद महतो, वर्ष 1995 में शिवा महतो, वर्ष 2000 में लालचंद महतो और वर्ष 2005 से 2019 तक लगातार चार बार जगरनाथ महतो डुमरी सीट से विधायक चुने गए।

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