
रांची। झारखंड के कुख्यात नक्सली पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया (PLFI) दिनेश गोप को NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने नेपाल से अरेस्ट किया हैं। पिछले दो दशक से पुलिस के साथ आंख मिचौली खेल रहा यह दुर्दांत नक्सली अलग-अलग जिलों में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देता रहा। कई साल बाद NIA और पुलिस को उसे दबोचने में सफलता मिली है। दिनेश को वाया दिल्ली रांची लाकर पूछताछ की जा रही है। उस पर 30 लाख का इनाम था।
15 साल तक खौफ के साये में रहे लोग
कुख्यात दिनेश गोप के खौफ के साये में 15 साल तक कोलेबिरा, बानो और जलडेगा इलाके के लोग रहे। उसका आतंक इस कदर था कि इन इलाकों के लोग शाम से पहले ही घर आ जाते थे। झारखंड में आतंक के पर्याय बन चुके गोप के खिलाफ राज्य भर में करीबन 150 केस दर्ज हैं।
दो बीबियों को बनाया निवेश का हथियार
दिनेश गोप की हीरा देवी और शकुंतला देवी दो बीबिया हैं। वह पत्नियों और रिश्तेदारों की मदद से अपनी काली कमाई शेल कंपनियों की मदद से निवेश करता था। कुछ व्यापारी भी उसके करीबी थे। जिनके द्वारा वह पैसे इनवेस्ट करता था। पुलिस ने 2020 में उसकी दोनों बीबियों को अरेस्ट किया था। उन लेवी वसूली के साथ टेरर फंडिंग के आरोप भी साबित हो चुके हैं।
ठेकेदारों को आतंकित कर वसूली का काम
खूंटी जिले के लापा मोरहाटोली गांव का रहने वाला दिनेश ठेकेदारों को आतंकित करने के लिए कंस्ट्रक्शन साइट पर हमला कर देता था। लोगों की पिटाई कर वसूली का परचा छोड़कर दुर्दांत नक्सली फरार हो जाते थे। टेरर फंडिंग की वजह से एनआईए को भी गोप की तलाश थी। पुलिस और एनआईए को यह सफलता उसके करीबी सुखराम गुड़िया की गिरफ्तारी के बाद मिली। एनआईए दिनेश गोप के सहयोगियों की लाखो रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। जांच में पता चला था कि उसने अपनी पत्नियों और पारिवारिक सदस्यों के नाम 2.5 करोड़ रुपये डिपाजिट किए हैं।
नोटबंदी के बाद कार्रवाई में मिला सुराग
10 नवम्बर 2016 को नोटबंदी के बाद पुलिस ने एक पेट्रोल पम्प संचालक को 3 लोगों के साथ अरेस्ट किया था। बाद में इसी केस पर एनआईए आगे बढ़ी और दिनेश गोप के सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी कर लाखो रुपये जब्त किए। उसी समय उसकी पत्नियों को भी अरेस्ट किया गया था।
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