दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर ग्वालियर पहुंचा वायुसेना का विमान, कूनो में बढ़ा चीतों का कुनबा

दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर भारतीय वायु सेना का विमान शनिवार सुबह ग्वालियर पहुंचा। इसके बाद चीतों को हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया। चीतों को पहले क्वारंटीन बाड़ों में छोड़ा गयाा। अब कूनो में चीतों की कुल संख्या 20 हो गई है।

ग्वालियर। दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर भारतीय वायु सेना का विमान शनिवार सुबह ग्वालियर पहुंचा। इसके बाद चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में ले जाया गया। एयरबेस से कूनो नेशनल पार्क की दूरी करीब 165 किलोमीटर है। चीतों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव व नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में क्वारंटीन बाड़ों में छोड़ा गया। 

कूनो में चीतों की संख्या हुई 20

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दरअसल, अब कूनो पार्क में चीतों की कुल संख्या 20 हो गई है। इनमें 10 नर और 10 मादा हैं। इससे पहले पिछले साल सितंबर में 8 चीते नामीबिया से लाए गए थे। अभी जो आए हैं उन 12 चीतों में से सात नर और पांच मादाएं हैं। इससे पहले 17 सितंबर 2022 को नामिबिया से 8 चीतों को लाया गया था। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने बताया कि चीतों को लेकर आए विमान ने सुबह करीब 10 बजे लैंडिंग की। चीतों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर से कुनो नेशनल पार्क पहुंचाया गया।

चीतों के लिए बनाए गए हैं 10 बाड़े

चीतों को दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग स्थित ओआर टांबो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से इंडियन एयरफोर्स के ट्रांस्पोर्ट प्लेन से लाया गया। कूनो नेशनल पार्क के निदेशक उत्तम शर्मा ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए 10 क्वारेंटाइन बाड़े तैयार किए हैं। इनमें से दो बाड़ों में दो जोड़े चीतों को रखा जाएगा।

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1952 में भारत से चीते हो गए थे विलुप्त

गौरतलब है कि भारत में आजादी से पहले चीतों की अच्छी संख्या थी। अधिक शिकार के चलते चीते विलुप्त हो गए थे। 1947 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में आखिरी चीते का शिकार किया गया था। इसके बाद 1952 में भारत से चीतों के विलुप्त होने की घोषणा कर दी गई थी। भारत में फिर से चीतों को बसाने के लिए सरकार द्वारा प्रोजेक्ट चीता के तहत अफ्रीका से चीतों को लाया जा रहा है।

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