मुरैना में एक 14 साल की बच्ची को पेट दर्द हुआ और अस्पताल ले जाते समय उसने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची को पता ही नहीं था कि वो गर्भवती है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
भोपाल : बच्चियों और नाबालिगों पर अत्याचार के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिन-ब-दिन भयावह घटनाएँ सामने आ रही हैं। नाबालिगों के साथ होने वाली कई घटनाएँ प्रकाश में ही नहीं आ पातीं। इनमें से कुछ ही घटनाएँ रिपोर्ट होती हैं। इनमें से भी गिने-चुने आरोपियों को ही सजा मिल पाती है। अब मध्य प्रदेश के मुरैना में एक 14 साल की बच्ची के बच्चे को जन्म देने की घटना सामने आई है। यह बच्ची अभी छोटी है। स्कूल, कॉलेज, प्रोफेशनल कोर्स, फिर नौकरी, बिजनेस, ऐसे ऊँचे-ऊँचे सपने देखने की उम्र में यह बच्ची माँ बन गई। उसे पता ही नहीं था कि उसके पेट में पिछले 9 महीनों से एक बच्चा पल रहा है। पेट में दर्द हो रहा है माँ, सहन नहीं हो रहा है, कहकर वह पसीने से तर-बतर हो गई। अपनी बेटी को लेकर अस्पताल से अस्पताल भटकती माँ के साथ रास्ते में ही इस नाबालिग बच्ची ने बच्चे को जन्म दे दिया।
मुरैना निवासी 14 वर्षीय लड़की को तेज पेट दर्द हुआ। उसने अपनी माँ को बताया। घर में कोहराम मच गया। बच्ची की माँ भी घबरा गई। वे सीधे जिला अस्पताल ले गईं। जाँच करने पर पता चला कि नाबालिग लड़की गर्भवती है। इसलिए जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने यह कहकर कि यह हमारे बस की बात नहीं है, उसे किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। निजी अस्पताल के कर्मचारियों ने यह कहकर कि यह नाबालिग है, पुलिस केस होगा, यह सब अस्पताल की छवि खराब करेगा, हमारे पास पर्याप्त सुविधाएँ नहीं हैं, आप जिला अस्पताल जाइए, उसे वापस भेज दिया।
निजी अस्पताल से वापस जिला अस्पताल जाते समय रास्ते में ही बच्ची को प्रसव पीड़ा हुई और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। परिवार वाले हक्के-बक्के रह गए। 14 साल की बच्ची के साथ क्या हुआ, उन्हें समझ नहीं आ रहा था। स्थानीय लोगों की मदद से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस भी मौके पर पहुँच गई। उन्होंने डॉक्टरों और बच्ची की माँ के बयान लिए। बच्ची का इलाज चल रहा है, इसलिए उसका बयान नहीं लिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और नाबालिग बच्ची किससे गर्भवती हुई, इसका पता लगाने में जुट गई है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
ऐसी कई घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं। छोटी-छोटी बच्चियाँ माँ बन गई हैं। उनका पूरा जीवन नर्क बन गया है। इस तरह जन्म लेने वाले बच्चों का भविष्य भी बर्बाद हो गया है।