
भोपाल। भारत में राज्यों के औद्योगीकरण को लेकर जो उल्लेखनीय और ऐतिहासिक काम हुआ है, उससे देश के अन्य राज्यों ने भी सीख ली है। ऐसा परिवर्तनकारी कार्य या तो गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए श्री नरेंद्र मोदी ने किया था या अब वही दृष्टिकोण मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव अपना रहे हैं। इन शब्दों का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है, क्योंकि यह विचार केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह द्वारा व्यक्त किए गए हैं।
ग्वालियर में आयोजित ‘अभ्युदय : मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ में अमित शाह ने कहा कि क्लस्टर आधारित निवेश पूरे भारत के लिए एक नवाचारी और प्रभावी मॉडल है। उन्होंने बताया कि स्ट्रक्चर्ड इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की व्यवस्थित और वैज्ञानिक शुरुआत गुजरात से नरेंद्र मोदी ने की थी। ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के माध्यम से राज्य की राजधानी में बड़े स्तर पर औद्योगिक सम्मेलन आयोजित किए गए, जिससे राज्य में भारी निवेश आया और औद्योगिक विकास को नई गति मिली।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के संतुलित विकास के लिए ‘क्षेत्रीय निवेश कॉन्क्लेव’ की दूरदर्शी शुरुआत की है। मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश कॉन्क्लेव आयोजित करना और वहीं निवेश परियोजनाओं का भूमिपूजन करना, आने वाले समय में राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि आज जो 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश सामने आया है, वह देखने में भले ही छोटा लगे, लेकिन किसी एक क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। किसी भी क्षेत्र की जनता के लिए ऐसा निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि राज्य का विकास संतुलित नहीं होगा, तो राज्य आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि हर क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं मौजूद होती हैं।
अमित शाह ने कहा कि मालवा, ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में कपास लंबे समय से किसानों की प्रमुख फसल रही है, लेकिन उन्हें इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। अब पीएम मित्र पार्क की स्थापना से इन पारंपरिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है, जिससे कपास फिर से किसानों के लिए एक लाभकारी फसल बन रही है।
मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी विशेषता उसका भौगोलिक लोकेशन है। यहां से देश के लगभग आधे हिस्से में कम ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट पर आपूर्ति संभव है। लेकिन इस भौगोलिक लाभ का पूरा उपयोग तभी होगा, जब राज्य में सिमेट्रिक इंडस्ट्री डेवलपमेंट किया जाए।
उन्होंने कहा कि दक्षिण से जुड़े जिलों में उद्योग, दिल्ली से जुड़े जिलों जैसे ग्वालियर में उद्योग और पश्चिमी क्षेत्रों जैसे धार व झाबुआ में भी औद्योगिक विकास जरूरी है। जब राज्य के हर हिस्से में उद्योग विकसित होंगे, तभी मध्य प्रदेश अपने भौगोलिक लाभ का वास्तविक फायदा उठा पाएगा।
इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह आयोजन किया है। अमित शाह ने कहा कि क्षेत्रीय निवेश कॉन्क्लेव ने मध्य प्रदेश के चहुँमुखी और संतुलित विकास की एक मजबूत नींव रखी है और इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव बधाई के पात्र हैं।
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