
Liqor Shop Close In 19 Cities: 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में कई राज्यों में नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनमें शराब नीतियों में भी कई परिवर्तन शामिल हैं। नए वित्त वर्ष में कई राज्यों में नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनमें शराब नीतियों में भी कई परिवर्तन शामिल हैं।
रविवार को जारी की गई नई शराब नीति के तहत 'लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' में केवल बीयर, वाइन और 'रेडी-टू-ड्रिंक' जैसी ड्रिंक्स परोसी जाएंगी। इसमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत से भी कम होगी। इन बारों में शराब का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। मध्य प्रदेश में इस समय करीब 460 से 470 बार हैं, और आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन नए बारों के खुलने से कुल बारों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो सकती है। इस नई नीति से राज्य में शराब के सेवन की आदतों को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, साथ ही धार्मिक स्थलों के पास शराब बिक्री को सीमित किया जाएगा।
सरकारी बयान के अनुसार 1 अप्रैल से 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर बैन लगाने से कुल 47 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर जैसे शहरों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 23 जनवरी को नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था।
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इस शराब बैन के कारण राज्य सरकार को करीब 450 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। हालांकि, जिन शहरों में शराब की बिक्री बंद होगी, वहां अन्य शहरों से शराब लाकर पीने पर कोई रोक नहीं होगी। जहां शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगेगा, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसे कानून की आवश्यकता होगी। अधिकारियों के अनुसार, बिहार और गुजरात में शराबबंदी कानून लागू है, जबकि मध्य प्रदेश में केवल आबकारी अधिनियम लागू है। इसके अलावा, सरकारी बयान में कहा गया कि अगले वित्त वर्ष के लिए नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के रिन्यूअल फीस में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
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