Chhatarpur News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बागेश्वर धाम पहुंचीं, बालाजी के दर्शन किए और धीरेंद्र शास्त्री से भेंट की। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर 251 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह में उन्होंने नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया। पूरी खबर पढ़ें।

03:54 PM (IST) Feb 26
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारतीय संस्कृति में संतों की भूमिका हमेशा से मार्गदर्शक रही है। उन्होंने अपने कर्म और वाणी से समाज को सही दिशा दी है, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है और अंधविश्वास के प्रति लोगों को जागरूक किया है। चाहे गुरु नानक देव, संत रविदास, संत कबीर दास, मीराबाई या संत तुकाराम हों, सभी ने समाज को नई रोशनी दी है।
धीरेंद्र शास्त्री धन्यवाद के पात्र: द्रोपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे समाज के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को विवाह की शुभकामनाएं दीं और उनके सुखमय जीवन की कामना की। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी के सामान के साथ आटा चक्की और सिलाई मशीन जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
02:16 PM (IST) Feb 26
01:03 PM (IST) Feb 26
बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति ने आयोजन को और खास बना दिया। इस पावन अवसर पर उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को सूट और साड़ियां भेंट कर आशीर्वाद दिया।
राष्ट्रपति ने नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद
इस भव्य आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशेष रूप से शामिल हुईं और उन्होंने नवविवाहित दूल्हों को सूट तथा दुल्हनों को साड़ियां भेंट कीं। इस दौरान उन्होंने सभी जोड़ों को सुखी दांपत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।
बागेश्वर धाम में हुआ ऐतिहासिक आयोजन
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह में 251 गरीब और अनाथ बेटियों का विवाह संपन्न हो रहा है। विवाह के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं धाम द्वारा प्रदान की गईं, जिससे यह आयोजन धार्मिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन गया है। इस आयोजन को और भी स्मरणीय और प्रेरणादायक बना रहे हैं। बागेश्वर धाम का यह प्रयास समाज सेवा और परोपकार की एक अनूठी मिसाल बन गया है।
12:59 PM (IST) Feb 26
छतरपुर। बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया। जैसे ही राष्ट्रपति मंच पर पहुंचीं, पूरे पंडाल में उल्लास की लहर दौड़ गई। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिससे माहौल पूरी तरह देशभक्ति से सराबोर हो गया। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भगवान बालाजी की तस्वीर भेंट की। यह तस्वीर धार्मिक आस्था और परंपरा का प्रतीक मानी जाती है। राष्ट्रपति ने इसे आशीर्वादस्वरूप स्वीकार किया और आयोजन के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं। इस भव्य सामूहिक विवाह में 251 गरीब और अनाथ बेटियों का विवाह संपन्न हो रहा है। विवाह की सभी तैयारियां बागेश्वर धाम द्वारा की गई हैं, और नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थ जीवन के लिए आवश्यक वस्तुएं भी उपहारस्वरूप दी जा रही हैं।
12:55 PM (IST) Feb 26
12:18 PM (IST) Feb 26
समारोह का आयोजन और विदाई
बागेश्वर धाम में ऐतिहासिक विवाह उत्सव
इस विवाह समारोह को लेकर श्रद्धालुओं और आगंतुकों में भारी उत्साह है। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर बागेश्वर धाम भक्ति और आस्था के रंग में रंगा हुआ है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस पूरे आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
12:17 PM (IST) Feb 26
छतरपुर: बागेश्वर धाम में आयोजित महाशिवरात्रि विशेष सामूहिक विवाह समारोह में 251 जोड़ों का विवाह संपन्न होगा। इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बागेश्वर धाम के प्रमुख सेवादार नितेंद्र चौबे ने बताया कि विवाह स्थल को भव्य रूप से सजाया गया है, और बारात बालाजी मंदिर से निकलेगी।
भव्य बारात की तैयारियां पूरी
इस समारोह में 251 घोड़े विशेष रूप से तैयार किए गए हैं, जिन पर बारात निकाली जाएगी। बालाजी मंदिर के पास से बारात उठकर भव्य पंडाल तक पहुंचेगी, जहां विवाह की सभी रस्में संपन्न होंगी।
12:15 PM (IST) Feb 26
12:12 PM (IST) Feb 26
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने किया विशेष स्वागत बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राष्ट्रपति का गौरवपूर्ण स्वागत किया और उन्हें बागेश्वर धाम की ऐतिहासिक एवं धार्मिक विरासत से अवगत कराया। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने समाज में भेदभाव मिटाने और सामाजिक एकता को मजबूत करने पर जोर दिया। इस आयोजन में देशभर से लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। बागेश्वर धाम भक्ति और श्रद्धा से सराबोर नजर आया। धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसमें देश के प्रख्यात संत और वक्ता शामिल हुए।