पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर के अंधविश्वास फैलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले पर खुद बागेश्वर धाम सरकार ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है।
भोपाल(Madhya Pradesh). बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर के अंधविश्वास फैलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले पर खुद बागेश्वर धाम सरकार ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम सरकार के ऑफिशियल टविटर हैंडल पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो जारी कर कहा कि हमें इस विषय पर ज्यादा पड़ना नहीं है और ना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जब से सनातन धर्म के लिए घर वापसी का मुद्दा उठाया तब से आये दिन षड़यंत्र लगातार किए जा रहे हैं। हमें डिगना नहीं है, रूकना नहीं है। बस आप लोगों से प्रार्थना है कि आप लोगों को बहुत सक्रिय होना है। और आपको दीपक ये बुझने नहीं देना है। और नागपुर वाले विषय पर उन्होंने कोई लीगली चुनौती नहीं दी, न कार्ड भेजा, हमने उनको रायपुर आह्वान किया को दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। लेकिन नागपुर वाले विषय पर हम समिति के अध्यक्ष से कहेंगे कि कभी आपने पादरी के ऊपर उंगली क्यों नहीं उठाई, वो जो धर्मांतरण करते हैं उसके ऊपर आपने उंगली क्यों नहीं उठाई?
हम कभी अंधविश्वास नही फैलाते- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम कभी भी अंधविश्वास नहीं फैलाते, हनुमान जी के नाम से प्रार्थना करते हैं और अगर किसी का कल्याण हो जाता है तो ये ईष्ट चमत्कार.. आपने कहा जादू-टोना तो क्या ईष्ट को प्रार्थना करना जादू टोना है। अपने ईष्ट को प्रार्थना करना और लोगों को कल्याण हो जाना क्या जादू टोना है। अगर ऐसा है तो फिर भारत के प्रत्येक व्यक्ति जेल जाने योग्य है। प्रत्येक सनातनी जेल जाने के योग्य है। भर दो सब सनातनियों को जेल में और आप निर्णय कैसे करेंगे कि ये श्रद्धा है या अंध श्रद्धा है। इस भारत में कितने ज्योतिषाचार्य नहीं हैं जो ग्रहों की चाल बताते हैं। तो क्या वो अंध विश्वास है उनको भी फिर जेल जाना चाहिए।
नागपुर में लगा था अंधविश्वास फैलाने का आरोप गौरतलब है कि बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 5 से 11 जनवरी तक नागपुर में कथा करने गए थे, इसी दौरान नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन संस्था ने उन पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया, वहीं पं. शास्त्री ने अपनी कथा भी दो दिन पहले खत्म कर दी और नागपुर से वापस चले आए। फिलहाल वो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रामकथा करा रहे हैं।