
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भाईदूज भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जो भाई और बहन के स्नेह और परस्पर अपनत्व का प्रतीक है। यह पर्व पारिवारिक जीवन मूल्यों और सामाजिक एकता को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि भाईदूज न केवल स्नेह का उत्सव है, बल्कि नारी सम्मान और भारतीय परंपरा का प्रतीक भी है। CM गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित भातृ द्वितीया (यम द्वितीया) कार्यक्रम में बहनों को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बहनों से आत्मीय संवाद किया और उन्हें भाईदूज की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “मेरा सौभाग्य है कि मुझे 1 करोड़ 26 लाख से अधिक लाड़ली बहनें मिली हैं।” उन्होंने बताया कि अब सभी लाड़ली बहनों को हर माह ₹1500 मिलेंगे, और सरकार के खजाने में बहनों के लिए कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना ने बहनों के जीवन में नई रोशनी और खुशी जोड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 29 किश्तों में करीब ₹45,000 करोड़ बहनों को दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “हमारी बहनों की मुस्कान ही मध्यप्रदेश की असली पूंजी है।” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बहनों पर पुष्पवर्षा की, तिलक कराया, उपहार दिए और मिठाई खिलाकर आत्मीयता जताई। बहनों ने निमाड़ी लोकगीतों और नृत्य से भाई-बहन के प्रेम को जीवंत किया।
डॉ. यादव ने कहा कि बहनों के आशीर्वाद से ही सरकार निर्भय होकर काम कर पा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास आज बहनों का घर (मायका) बन गया है। उन्होंने रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई और रानी अवंति बाई जैसी वीरांगनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी वीरता से देश का मान बढ़ा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि भाईदूज का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रोजगारपरक नीति बनाई है, जिसके तहत उद्योग में काम करने वाली बहनों को ₹5,000 की अतिरिक्त सहायता और उद्योग लगाने पर 2% की छूट दी जाएगी। मकान, दुकान और जमीन की रजिस्ट्री में भी बहनों को विशेष छूट दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश की बहनों को नि:शुल्क आवास और आर्थिक सशक्तिकरण का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास हमेशा बहनों के लिए खुला रहेगा और यह उनका अपना मायका है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि जून 2023 में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना ने करोड़ों बहनों के जीवन में उजाला भरा है। अब योजना की राशि ₹1250 से बढ़ाकर ₹1500 प्रति माह की जा रही है। उन्होंने बताया कि बहनों ने इस राशि से सिलाई मशीन, फोटोकॉपी मशीन, डेयरी और छोटे उद्योग शुरू कर आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है।
डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रदेश की बेटियां पैदा होते ही लखपति बन रही हैं। 51 लाख से अधिक बेटियां इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कन्या विवाह/निकाह योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ वंदना योजना और देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन जैसी योजनाओं से महिलाओं को नई ताकत मिली है।
कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी पिंकी जैन, संगीता और रोहिणी ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। बहनों ने कहा कि योजना से उन्हें आत्मनिर्भर बनने और व्यवसाय शुरू करने में मदद मिली है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि योजना से ग्रामीण बहनें अब अपना व्यवसाय चला रही हैं। राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास बहनों का मायका बन गया है और मुख्यमंत्री हर कदम पर बहनों की ढाल बनकर खड़े हैं। राज्यसभा सांसद माया नारोलिया ने कहा कि अगले माह से बहनों को ₹1500 प्रतिमाह मिलेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भाईदूज को भारतीय संस्कृति का जीवन उत्सव बताते हुए महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि बहनों का सुख और सुरक्षा ही सरकार का असली लक्ष्य है।
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