भोपाल में शोर मचाने पर चुप रहने की अपील पर दिहाड़ी मजदूर सजा-ए-मौत, जानें वजह

भोपाल में एक दिल दहला देने वाली घटना में एक 30 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर ने अपनी नवजात शिशु की नींद के कारण शराबी शोर मचाने वालों से आवाज कम करने के लिए कहा, जिसके बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

भोपाल। रविवार आधी रात के बाद एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को हैरान कर दिया, जब तीन शराबी व्यक्तियों ने 30 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर मनोज चौरे की हत्या कर दी। मनोज सिर्फ इसलिए आरोपियों से शोर कम करने की विनती कर रहा था क्योंकि उसका नवजात शिशु सो रहा था और उनके शोर मचाने की वजह से बार-बार जग जा रहा था। यह घटना अयोध्या नगर के 84 एकड़ झुग्गी इलाके में हुई। उसके बेटे का जन्म बमुश्किल चार दिन पहले हुआ था। यह उसका दूसरा बच्चा था।

दिहाड़ी मजदूरी करता था मनोज

अयोध्या नगर SHO महेश लिल्हारे ने बताया कि मनोज चौरे और उसका परिवार अपनी झुग्गी में सो रहा था, तभी रात करीब डेढ़ बजे तीन लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। वे शराब के नशे में थे और मनोज की झुग्गी के बाहर आपस में जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। इस बात से चिंतित कि कहीं उसका नवजात शिशु जाग न जाए, मनोज बाहर आया और हंगामा कर रहे तीनों व्यक्तियों से थोड़ा शांत रहने को कहा, क्योंकि शोर के कारण शिशु की नींद में खलल पड़ रही थी। दो-तीन अन्य पड़ोसियों ने भी विरोध जताया, लेकिन तीनों लोग बेशर्मी से उनसे ऊंची आवाज में बहस करते रहे। विनम्र अनुरोध से शुरू हुई यह बात जल्द ही झगड़े और हिंसक झड़प में बदल गई।

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दो हमलावरों ने युवक के हाथ पकड़े, तीसरे ने चाकू से रेत दिया गला

शराब के नशे में धुत तीनों आरोपियों ने मनोज पर हमला कर दिया और उसे पीटना शुरू कर दिया। मनोज की संख्या कम होने के कारण वह कुछ देर तक ही विरोध कर सका। तीनों ने मिलकर मनोज पर हमला किया, जिसमें दो आरोपियों ने उसके हाथ पकड़े और तीसरे ने चाकू से उसकी गर्दन काट दी।

पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार

मनोज ने घायल होते हुए भी भागने की कोशिश की, लेकिन कुछ कदम चलने के बाद वह गिर पड़ा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने तीन आरोपियों प्रहलाद कुशवाह, प्रदीप कुशवाह और राजू कुशवाह को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी सागर जिले के राहतगढ़ के निवासी हैं और दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। प्रहलाद और प्रदीप सगे भाई हैं जबकि राजू कुशवाह चचेरा भाई है। पुलिस ने बताया कि प्रदीप और राजू 7 महीने पहले ही इस इलाके में आए थे, जबकि प्रहलाद केवल 15 दिन पहले भोपाल लाया गया था। इस घटना के बाद से इलाके में सनसनी फैल गई है और पुलिस आगे की जांच कर रही है।

 

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