
Bhopal Shocking Murder Cases: झीलों की नगरी भोपाल, एक समय कभी झीलों और शांति के शहर के रूप में जाना जाता था, अब लगातार बढ़ती हत्या की वारदातों से दहला हुआ है। जनवरी से अगस्त 2025 के बीच राजधानी और आसपास के देहात क्षेत्र में कुल 29 हत्याओं के मामले दर्ज किए गए। यानी औसतन हर सातवें दिन एक व्यक्ति की हत्या हो रही है। यह आंकड़ा पिछले तीन वर्षों के औसत से कहीं अधिक है और राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जून और जुलाई में हत्याओं का ग्राफ अचानक बढ़ गया। जहां जनवरी से मई तक 15 मामले हुए, वहीं जून-जुलाई-अगस्त के बीच 14 नई वारदातें दर्ज हुईं। आंकड़े पिछले तीन साल के औसत को मात दे रहे हैं, और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
जांच में सामने आया कि इन हत्याओं के पीछे प्रॉपर्टी विवाद, आपसी रंजिश, शराबखोरी, प्रेम प्रसंग और मामूली कहासुनी जैसे कारण प्रमुख हैं। हैरानी की बात यह है कि अधिकतर मामलों में पीड़ित और आरोपी पहले से एक-दूसरे को जानते थे, यानी निजी दुश्मनी सीधा खूनखराबे में बदल रही है।
1. गोविंदपुरा थाना: 3 घटनाएं
2. गौतमनगर थाना : 3 घटनाएं
3. मिसरोद थाना: 2 घटनाएं
4. अशोकागार्डन थाना: 2 घटनाएं
5. कोलार थाना: 2 घटनाएं
6. बागसेवनिया थाना: 1 घटना
7. अयोध्यानगर थाना : 1 घटना
8. अरेरा हिल्स थाना: 1 घटना
9. निशातपुरा थाना : 1 घटना
11. तलैया थाना : 1 घटना
12. हनुमानगंज थाना : 1 घटना
13. बजरिया थाना: 1 घटना
14. कमलानगर थाना : 1 घटना
15. शाहपुरा थाना: 1 घटना
16. छोला मंदिर थाना : 1 घटना
इस साल दर्ज 29 हत्याओं में आधे केस केवल जून और जुलाई में सामने आए। जनवरी से मई तक कुल 15 मामले दर्ज हुए थे, जबकि जून से अगस्त तक 14 और केस दर्ज किए गए। गर्मियों में अपराध की रफ्तार बढ़ने का यह संकेत है।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर सभी मामलों में तेजी से कार्रवाई की। अधिकांश हत्याएं निजी रंजिश, मामूली विवाद या शराबखोरी के कारण हुईं। केवल कुछ ही मामलों में अपराधियों का सीधा जुड़ाव था। हरिनारायणचारी मिश्र, पुलिस आयुक्त भोपाल, ने कहा: "थाना स्तर पर बदमाशों की निगरानी की जा रही है, लेकिन अपराध की पहुंच शहर और देहात के हर कोने तक है।"
भोपाल की बढ़ती हत्याओं ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर सातवें दिन हत्या का औसत, शहर और देहात में फैलती हिंसा, जून-जुलाई में अचानक वृद्धि और निजी रंजिश मुख्य कारण हैं। पुलिस की तत्परता के बावजूद राजधानी में भय का माहौल बढ़ रहा है।
हत्याएं सिर्फ पुराने शहर या बाहरी इलाकों तक सीमित नहीं हैं। ईंटखेड़ी, गुनगा, सूखी सेवनिया, बैरसिया, नजीराबाद जैसे देहात इलाके और कोलार, शाहपुरा, ऐशबाग जैसे शहरी इलाके भी प्रभावित हुए।