CM मोहन यादव का बड़ा फैसला, इन 'लाड़ली बहनों' को 5000 रुपए महीने देगी सरकार

Published : Oct 26, 2025, 01:59 PM IST
MP Exellence Awards 2025

सार

MP Exellence Awards 2025 : सीएम डॉ. यादव भोपाल में आयोजित 'मध्यप्रदेश एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025' समारोह में कहा-'हमारी बहनें जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर हैं।  इसलिए हमने रोजगार परक इंडस्ट्री में महिलाओं को हर महीने 5 हजार रुपये देने का फैसला किया।

भोपाल। 'बहनों ने कई अलग-अलग सेक्टरों में काम किया है। प्रदेश के 47 फीसदी से ज्यादा स्टार्टअप में महिलाओं की अहम भूमिका है। हमारी बहनें जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बन रही हैं। इसलिए हमने रोजगार परक इंडस्ट्री में महिलाओं को हर महीने 5 हजार रुपये देने का फैसला किया। लाड़ली बहनों के लिए विकास के लिए हमारी सरकार संकल्पित है। यहां रुपये का सवाल नहीं है, सवाल बहनों के सम्मान का है। इस योजना की यात्रा एक हजार रुपये से शुरू हुई थी, अब हम हर महीने 1500 रुपये देंगे।

'मध्यप्रदेश एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025'

सीएम यादव ने कहा कि जो महिला रोजगार पाने आएगी उसकी भी मदद की जाएगी।' यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 26 अक्टूबर को कही। सीएम डॉ. यादव भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन सेंटर में आयोजित 'मध्यप्रदेश एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025' समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने महिलाओं सहित कई लोगों को अवॉर्ड प्रदान किए।

एमपी में 5 लाख से ज्यादा स्व सहायता समूह

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में 62 लाख बहनें 5 लाख से ज्यादा स्व सहायता समूहों के साथ काम कर रही हैं। लखपति बहना योजना के माध्यम से एक लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्त हो रही हैं। कांग्रेस के शासनकाल में बहनों के लिए दरवाजे ही नहीं खोले गए। हमारी सरकार के कार्यकाल में आने वाले भविष्य में 33 फीसदी महिलाएं लोकसभा-विधानसभा में भी प्रवेश करेंगी। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि भोपाल वुमन हब ने ये आयोजन किया। इस समारोह में वे लोग शामिल हैं, जिनमें से किसी को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है, तो कोई पैरा ओलंपिक में बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुका है।

अद्भुत है हमारी संस्कृति

 सीएम डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल रियासत की विशेषता है कि यहां बेगमों का शासन रहा है। अंग्रेजों के जमाने में भी रानी दुर्गावती ने मुगलों से युद्ध लड़े। उन्होंने 52 लड़ाइयां लड़ीं। गौंड रानी कमलापति ने भी गौरवशाली अतीत का निर्माण किया। इसी तरह रानी लक्ष्मीबाई पर भी हमें गर्व होता है। उनका नाम तो अपने आप मुंह से निकल आता है। इस दौरान सीएम डॉ. यादव ने गुनगुनाया 'बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी. खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी' थी। उन्होंने कहा अपनी संस्कृति अद्भुत है। इसमें 33 करोड़ देवी-देवता तीन देवियों में समाहित हैं। मां सरस्वती बुद्धि की देवी हैं। उनका आशीष मिल जाता है तो महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिल जाता है। दूसरी ओर, जगदंबा मां भवानी-रण चण्डी का भी विशेष महत्व है। मां दुर्गा कभी क्रोध नहीं करतीं, लेकिन जब करती हैं तो सारी ब्रह्मांड एक तरफ और वे एक तरफ। उन्हें शांत करने के लिए तो स्वयं भगवान महादेव को नीचे लेटना पड़ा।

परंपरा को पुनर्जीवित करती हैं बहनें

 प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन ने कहा कि दशहरा भगवान राम की जय और रावण की पराजय के लिए मनाया जाता है। इसके साथ ही दशहरा महिषासुर मर्दिनी के लिए भी मनाया जाता है। महिषासुर की मौत भी दशहरे पर ही हुई थी। अगर बहनों के हाथ में ताकत देते हैं तो वे हमारी प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करती हैं। माताओं-बहनों को नमन करना हमारी संस्कृति है। इसलिए मातृ सत्ता को सर्वोपरि मानकर ग्रहों में भी पृथ्वी को विशेष स्थान दिया गया है। विश्व में 200 से ज्यादा देश हैं, लेकिन एकमात्र देश मातृ सत्ता से जोड़ा जाता है। इसलिए हम बोलते हैं 'भारत माता की जय'।

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