भोपाल से लेकर दिल्ली तक अब हलचल तेज हो गई है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा। आम आदमी से लेकर राजनेता तक के मन में यही सवाल चल रहा है कि आखिर बीजेपी हाईकमान किसे एमपी की कुर्सी सौंपेगी।
भोपाल. भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश के विधानसभा चनावों में बंपर जीत मिली है। लेकिन भोपाल से लेकर दिल्ली तक यही सवाल चल रहा है कि आखिर एमपी का मुख्यमंत्री कौन होगा। क्योंकि इस बार सीएम के दावेदारों में एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं के नाम शामिल हैं। दिलचस्प बात है कि यह सभी सीनियर नेता हैं। अब देखना होगा कि पार्टी आलाकमान किसके नाम पर अपनी मुहर लगाती है। लेकिन इसी बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है। जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
'मैं मुख्यमंत्री का दावेदार न तो पहले कभी रहा और न आज हूं
दरअसल, मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा रवाना राम रथ यात्रा का स्वागत करने पहुंचे थे। तो इस दौरान पत्रकारों ने उनसे पूछा कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा…क्या आप ही इस बार फिर सीएम बनने जा रहे हैं। तो शिवराज ने कहा- 'मैं मुख्यमंत्री का दावेदार न तो पहले कभी रहा और न आज हूं। एक सामन्य सा भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं। पार्टी मुझे जो भी काम देगी मैं उसे समर्पित भाव से अपनी क्षमता के अनुसार करता रहूंगा।'
शिवराज के अलावा यह नाम भी सीएम की रेस में…
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की रेस में सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के करीब आधा दर्जन से ज्यादा नेता दावेदार हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, विधानसभा का चुनाव जीते नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और गोपाल भार्गव का नाम भी शामिल है। वहीं कैलाश विजयवर्गीय चुनाव जीतते ही दूसरे दिन सोमवार को दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने बीजेपी के सीनियर नेताओं से मुलाकात की है।
शिवराज के बयान के सियासी मायने यह तो नहीं...
यह सभी जानते हैं कि एमपी में बीजेपी नेताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रियता शिवराज सिंह चौहान की है। अब जिस तरह से नतीजे से सामने आए हैं तो उन्होंने भी यह बता दिया है कि किसी तरह की कोई एंटी इंकंबैंसी नहीं रही। लेकिन बीजेपी हाई कमान ने इस बार के चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर सांसदों तक को चुनाव लड़ाया था और सभी को बंपर जीत मिली है। इतना ही नहीं इन दिग्गजों ने अपने क्षेत्र में भी परचम लहराया है। इसे देखते हुए राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि शिवराज की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाए। क्योंकि पहले भी बीजेपी ने एमपी में शिवराज के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा था। शायद इसलिए उनका यह बयान सही बैठ रहा हो।