कूनो से फिर आई दुखभरी खबरः मादा चीता ज्वाला के नन्हे शावक की गई जान, 2 महीने में अब तक खोए चार चीते

देश में चीता इंट्रोड्यूस करने वाले प्रोग्राम को एक और झटका लगा है। मंगलवार के दिन कूनो नेशनल पार्क से फिर एक दुखभरी खबर सामने आई है। मादा चीता ज्वाला द्वारा चार शावकों को जन्म दिया गया था जिसमें से एक शावक की जान चली गई है। मौत की वजह नहीं पता चली।

Contributor Asianet | Published : May 23, 2023 1:45 PM IST

श्योपुर (sheopur news). मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर दुखभरी खबर सामने आई है। मंगलवार 23 मई के दिन एक चीते शावक के जान जाने की जानकारी मिली है। इस एक मौत के बाद पिछले दो महीनों में अभी तक चार चीतों की जान जा चुकी है। अफ्रीका से आई चीतों की टोली में ज्वाला नाम की मादा चीता ने 27 मार्च के दिन चार शावको को जन्म दिया था, इन्हीं में से एक शावक की जान गई है। खबर लिखे जाने तक उसकी मौत की वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है। चारों शावकों को मादा चीता ज्वाला के बड़े बाड़े में ही रखा गया था।

मादा चीता ज्वाला के बड़े बाड़े में मृत मिला शावक

कूनो नेशनल पार्क के हेड वन संरक्षक जेएस चौहान ने जानकारी देते हुए शावक की मौत की पुष्टि की है। घटना का पता चलने के बाद ही वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है। शव को पीएम के लिए भेजा गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने शावक में किसी भी तरह की बीमारी होने से इंकार किया है। बता दे कि 27 मार्च के दिन मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था जिसके बाद से इनको उसके बाड़े में रखने के बाद से ही टीम द्वारा उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार निगरानी रखी जा रही थी। लेकिन इसके बावजूद भी मंगलवार की सुबह एक शावक मृत पाया गया। शावक की मौत का पता चलते ही कूनो प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

कूनो पार्क प्रशासन की बढ़ी मुश्किलें

जानकारी हो कि कूनो में चीता रिइंट्रोड्यूस प्रोग्राम के तहत अफ्रीका से दो खेप में 20 चीतों को भारत लाया गया था। जिसके बाद मार्च में सासा नाम की चीता की मौत फिर अप्रैल में उदय नाम के चीते की मौत हो गई थी। इसके बाद मादा चीता दक्षा की मौत और अब शावक की मौत होने से कूनो में चीतों के रहने के प्राकृतिक आवास को लेकर सवालिया निशान लग गए है साथ ही इनके दूसरी जगह शिफ्ट करने की बी चर्चा चल रही है। बता दे कि 20 चीतों के आने के बाद 4 शावकों के जन्म से जहां इनकी संख्या 24 हुई थी वहीं 4 जान जाने से वापस इनकी संख्या 20 पर आ गई है। चीतो की लगातार हो रही मौतों ने कूनो प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी है।

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