MP : निशा बांगरे को रास नहीं आई राजनीति, अब फिर से SDM की नौकरी करेंगी

एमपी की पूर्व एसडीएम निशा बांगरे का राजनीति से मोहभंग हो गया है। ऐसे में जिस नौकरी को छोड़ने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट तक का सहारा ले लिया था। अब उसी नौकरी को फिर से करने के लिए आवेदन दे दिया है।

 

subodh kumar | Published : Apr 10, 2024 12:21 PM IST / Updated: Apr 10 2024, 06:10 PM IST

छतरपुर. मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एसडीएम के पद पर तैनात निशा बांगरे को राजनीति का जोश इस प्रकार सवार हुआ था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए अच्छी खासी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। जब उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो उन्होंने इसके लिए कोर्ट तक का सहारा लिया। लेकिन जब उन्हें राजनीति में कोई तवज्जो नहीं मिली तो अब फिर से वे अपनी नौकरी करना चाहती है। ऐसे में उन्होंने फिर से नौकरी के लिए आवेदन दे दिया है। अब देखते हैं कि उन्हें फिर से नौकरी मिलती है या नहीं।

ये है पूरा मामला

दरअसल निशा बांगरे मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एसडीएम के पद पर तैनात थी। लेकिन उन्हें राजनीति में आना था, इस कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे कांग्रेस नेताओं के सम्पर्क में थीं। इस बात की जानकारी प्रशासन को मिलने पर उनका इस्तीफा भी मंजूर नहीं किया जा रहा था। लेकिन वे अपना इस्तीफा मंजूर कराने की बात पर अड़ गई थी। इसके लिए उन्होंने कोर्ट का भी सहारा लिया। आखिरकार उनका इस्तीफा मंजूर हो गया। लेकिन इसके बाद उन्हें राजनीति रास नहीं आई। इस कारण अब वे फिर से नौकरी करना चाहती है। इसके लिए उन्होंने फिर से आवेदन दे दिया है। उनकी इच्छा फिर से एसडीएम की नौकरी करने की है।

नहीं मिला चुनाव टिकट

जानकारी के अनुसार निशा बांगरे एमपी के बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट ही नहीं दिया। शुरुआत में तो उन्हें चुनाव लड़ाने का आश्वासन दिया गया। लेकिन ऐन वक्त पर उनको टिकट नहीं दिया। जिससे उन्हें बड़ा झटका लगा। इसके बाद उनका राजनीति से मोह भंग हो गया और उन्होंने फिर से नौकरी करने का मन बना लिया है। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को फिर से नौकरी देने के लिए आवेदन दिया है।

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लोकसभा चुनाव में भी नहीं मिला टिकट

विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में उन्हें तवज्जो मिलेगी। लेकिन लोकसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं मिला, हालांकि कांग्रेस ने उन्हें प्रवक्ता बनाया था। लेकिन अब वे राजनीति छोड़कर फिर से नौकरी करना चाहती है।

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