
भोपाल। CM मोहन यादव ने कहा- हमारी संस्कृति में 'परहित सरिस धर्म नहिं भाई', यानी दूसरों की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है की मान्यता है। उन्होंने कहा कि संबल योजना इसी सेवा भावना को चरितार्थ करने का मार्ग है। यह योजना सच्चे अर्थों में श्रमिक भाई-बहनों का सहारा बनी हुई है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को मंत्रालय से संबल योजना के 7 हजार 953 हितग्राहियों के खातों में 175 करोड़ रुपये की राशि अंतरित कर रहे थे। उन्होंने भरोसा जताया कि यह राशि श्रमिक परिवारों के लिए बड़ी मदद साबित होगी। प्रदेश में अब तक 1 करोड़ 77 लाख से अधिक श्रमिक योजना में पंजीकृत हो चुके हैं और पंजीयन की प्रक्रिया लगातार जारी है। इस मौके पर पंचायत और ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल मौजूद थे। कार्यक्रम से सभी जिले वर्चुअली जुड़े।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि संबल योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। अब तक 7 लाख 60 हजार 886 प्रकरणों में 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हितग्राहियों को वितरित की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबी देखी है, इसलिए वे गरीबों का दुख और जरूरतें समझते हैं। संबल योजना वास्तव में कठिन समय का सच्चा साथी है। इसी क्रम में श्रमिकों की स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार में मदद के लिए “श्रीपहल” योजना को मंजूरी दी गई है। इसका उद्देश्य श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार 'सबका साथ-सबका विकास' की राह पर आगे बढ़ रही है। मार्च 2024 से घर-घर जाकर सामान और सेवाएं देने वाले गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को नई श्रेणी बनाकर संबल योजना में शामिल किया गया है।
कई वर्कर्स रजिस्ट्रेशन कराकर फाइनेंशियल बेनिफिट ले रहे हैं। इसके अलावा पत्थर तोड़ने वाले, ईंट बनाने वाले, पापड़-अचार बनाने वाले, खाना बनाने वाले, घरों में काम करने वाले मजदूर और तेंदूपत्ता जमा करने वाले श्रमिक भी इस स्कीम से जुड़े हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य संबल योजना के जरिए श्रमिक परिवारों का जीवन आसान, सुरक्षित और बेहतर बनाना है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों को कई तरह की आर्थिक मदद दी जाती है:
सभी संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत निरामय योजना का भी लाभ दिया जा रहा है, जिसके तहत 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज उपलब्ध है।
पंचायत और ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि यह पांचवीं बार है जब श्रमिकों के खातों में सिंगल क्लिक से राशि अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि आज अंतरित की गई राशि में 28 दिसम्बर 2024 तक के सभी प्रकरणों का निराकरण हो गया है।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में प्रभावित श्रमिक या उनके परिजनों को कम से कम समय में हितलाभ दिलाने के प्रयास लगातार जारी रहेंगे।
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