
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों और सहायकों पर टिप्पणी करते हुए कहा था उनकी औकात क्या है, सबको निपटा देगे। अब इस बयान को लेकर सिसासी बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है।
दरअसल, 11 नवंबर मंगलवार को भोपाल के जम्बूरी मैदानआयोजित 'सरपंच महासम्मेलन' आयोजित था, जिसमें प्रदेश भर के सरपंच और पंच आए हुए थे। सीएम मोहन यादव भी कार्यकम्र में पहुंचे थे, इस दौरान सीएम पंचायतराज व्यवस्था में सरपंचों के पास पर्याप्त शक्तियां को बता रहे थे। सीएम ने कहा-वर्ष 2026 को 'कृषि वर्ष' घोषित किया जाएगा, ताकि पंचायतों में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें।तभी सरपंचों ने सहायक सचिव और सचिवों की शिकायत करते हुए कहा कि वह हमारी बात नहीं सुनते हैं, कोई काम नहीं करते हैं। तो सीएम मोहन यादव ने सख्त लहजे में दो टूक कहा- अगर सचिव काम नहीं करेगा तो, "साले को हटा देंगे... इनकी औकात क्या, दिक्कत आएगी तो ठीक करेंगे."
बता दें कि मोहन यादव सरकार ने इस सम्मेलन में सरपंचों को 25 लाख तक के कामों का अधिकार दिया है। यानि वह 25 लाख तक की राशि का काम अपनी पंचायत में करा सकते हैं। इस दौरान पंचायती मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा-पहले सरपचों को हर छोटे बड़े काम के लिए जिला पचांयत तक जाना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
अब मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस ने मोहन यादव पर हमला किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा-यह प्रदेश के सचिवों का अपमान है। सरपंचों के कार्यक्रम में तालियाँ बटोरने के लिए पंचायत सचिवों और सहायकों को गाली देना बेहद अनुचित है! उनको ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए, अगर सीएम माफी नहीं मांगते हैं तो कांग्रेस विरोध करने के लिए सड़क पर उतरेगी। ग्राम सरकारों के अधिकार छीनना और अपने ही प्रदेशवासियों को गाली देना, जनता का सीधा अपमान है! ठीक नहीं है।
मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।