राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 में मध्यप्रदेश की बड़ी उपलब्धि, खरगोन और खंडवा को मिला सम्मान

Published : Nov 12, 2025, 09:34 AM ISTUpdated : Nov 12, 2025, 09:35 AM IST
National Water Awards madhya pradesh cm mohan yadav Khargone Khandwa

सार

राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 में मध्यप्रदेश को दो श्रेणियों में सम्मान मिला। खरगोन को पूर्वी क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ जिला और खंडवा की कावेश्वर ग्राम पंचायत को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर को पुरस्कार देंगी।

भोपाल। मध्यप्रदेश ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा की। मध्यप्रदेश को इस बार दो श्रेणियों में सम्मान प्राप्त हुआ है- खरगोन जिला को पूर्वी क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ जिला घोषित किया गया है, जबकि खंडवा जिले की ग्राम पंचायत कावेश्वर ने सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।

 

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी पुरस्कार वितरण

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर 2025 को विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर सभी पुरस्कृत जिलों को बधाई दी और कहा कि यह सम्मान मध्यप्रदेश के जल संरक्षण मॉडल की सफलता को दर्शाता है।

“जल संचय-जन भागीदारी” पहल में भी मध्यप्रदेश को मिला सम्मान

जल संचय-जन भागीदारी पहल के तहत वेस्टर्न जोन श्रेणी एक में ईस्ट निमाड़ जिले ने पहला स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही श्रेष्ठ 50 शहरी निकायों में गुना जिले को प्रथम रैंक मिली है। इसके अलावा गुना, बैतूल, धार, देवास, सिवनी और खरगोन जिलों का चयन श्रेणी तीन में किया गया है।

10 श्रेणियों में दिए जा रहे हैं राष्ट्रीय जल पुरस्कार

जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को पहचानना है। वर्ष 2024 के लिए कुल 46 विजेताओं का चयन किया गया है। ये पुरस्कार 10 श्रेणियों में दिए जा रहे हैं-

  • सर्वश्रेष्ठ राज्य
  • सर्वश्रेष्ठ जिला
  • सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत
  • सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय
  • सर्वश्रेष्ठ स्कूल/कॉलेज
  • सर्वश्रेष्ठ उद्योग
  • सर्वश्रेष्ठ जल उपयोक्ता संघ
  • सर्वश्रेष्ठ संस्था
  • सर्वश्रेष्ठ सिविल सोसायटी
  • जल क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जारी जल संरक्षण अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जल शक्ति मंत्रालय राष्ट्रीय जल प्रबंधन और जल संरक्षण जागरूकता अभियान चला रहा है। लोगों में जल के महत्व को समझाने और सतत जल उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए यह पुरस्कार योजना वर्ष 2018 में शुरू की गई थी।

आवेदन और मूल्यांकन प्रक्रिया

वर्ष 2024 के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार का शुभारंभ 23 अक्टूबर 2024 को राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर हुआ था। इसमें 751 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनका मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति ने किया। चयनित आवेदनों की जांच केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा की गई। अंतिम रिपोर्टों के आधार पर 46 विजेताओं का चयन किया गया।

“जल समृद्ध भारत” के लक्ष्य की ओर

राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित कर “जल समृद्ध भारत” के सपने को साकार करना है। यह पहल समाज के सभी वर्गों को जल प्रबंधन और जनभागीदारी से जोड़ती है।

“कैच द रेन” अभियान के अंतर्गत सफलता

जल संचय जन भागीदारी पुरस्कारों के तहत कैच द रेन अभियान में भी मध्यप्रदेश ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। साउथ जोन की श्रेणी एक में ईस्ट निमाड़ जिला प्रथम रहा। जिलों को कम-से-कम 10,000 कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण संरचनाएँ बनाने का लक्ष्य दिया गया था, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में यह लक्ष्य 3,000 रखा गया। इसमें वर्षा जल संचयन, झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनर्जीवन भी शामिल था।

नगरीय निकायों की सक्रिय भूमिका

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर शहरी जल संरक्षण को सशक्त बनाने की दिशा में पहल की है। नगरीय निकायों को कम से कम 2,000 पुनर्भरण संरचनाएँ विकसित करने के लिए प्रेरित किया गया। गुना नगर निकाय ने इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर पूरे प्रदेश को प्रेरित किया है।

100 पुरस्कारों की घोषणा

इस वर्ष कुल 100 राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा हुई है, जिनमें शामिल हैं-

  • 3 सर्वश्रेष्ठ राज्य
  • 67 जिले
  • 6 नगर निगम
  • 1 नगरीय स्थानीय निकाय
  • 2 सहयोगी मंत्रालय
  • 2 उद्योग
  • 3 गैर-सरकारी संगठन
  • 2 परोपकारी व्यक्ति
  • 14 नोडल अधिकारी

मध्यप्रदेश का जल संरक्षण मॉडल बना उदाहरण

मध्यप्रदेश ने अपने जल प्रबंधन मॉडल से न केवल पुरस्कार जीते हैं, बल्कि अन्य राज्यों के लिए मिसाल भी पेश की है। “जल संचय-जन भागीदारी” की भावना से प्रेरित यह प्रयास प्रदेश को जल समृद्ध और पर्यावरण संतुलित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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