
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 14 अक्टूबर को भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित 5वें राज्य स्तरीय स्वच्छता सम्मान एवं कार्यशाला “स्वच्छता समग्र समारोह” में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नगरीय निकायों को 7000 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पहली बार शपथ ली थी, तब उन्होंने लाल किले से स्वच्छता का आह्वान किया था। उसी दिशा में आज देश और प्रदेश ने स्वच्छता की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में मध्यप्रदेश के आठ शहरों — इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, देवास, शाहगंज और बुदनी — को स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इंदौर ने एक बार फिर स्वच्छता में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इन शहरों के जनप्रतिनिधियों और सफाई मित्रों को सम्मानित किया। साथ ही, उन्होंने स्वच्छता में योगदान देने वाले सभी नगरीय निकायों की सराहना की।
स्वच्छता के क्षेत्र में अब छोटे जिलों ने भी अपनी पहचान बनाई है। मंडला, टीकमगढ़ जैसे छह छोटे जिले भी स्वच्छता की रैंकिंग में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में शहरों से लिगेसी वेस्ट (पुराना कचरा) पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न कैटेगरी में 64 पुरस्कार प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश को दीपावली से पहले ही साढ़े 22 हजार करोड़ रुपये की सौगात मिल रही है। उन्होंने बताया कि:
उन्होंने कहा कि आगामी तीन वर्षों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं मूर्तरूप लेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ-2028 उज्जैन का ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इसके लिए तैयारियां बड़े पैमाने पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि “जल ही जीवन का आधार है, और सिंहस्थ जैसे आयोजनों में पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। आने वाला कुंभ ऐसा होगा जिससे पूरी दुनिया सीख लेगी।” कार्यक्रम में स्वच्छता अभियान पर आधारित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रदेश के नगरीय निकायों में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया। इस अभियान में सफाई मित्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे शहरों को स्वच्छ बनाने में अभूतपूर्व योगदान मिला।
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि हमें केवल आसपास की नहीं बल्कि मानसिक स्वच्छता भी बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंदौर की तरह प्रदेश के अन्य शहरों को भी स्वच्छ और सुंदर बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने अपील की कि लोग नदी और तालाबों की सफाई में भी सक्रिय भागीदारी करें।
अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश पिछले आठ वर्षों से स्वच्छता के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में स्वच्छता को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को प्रोत्साहित किया है।
उन्होंने कहा कि दीपावली से पहले की तरह हमें अपने शहरों की सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए। राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि 40 से अधिक नगरीय निकायों में जमा पुराने कचरे को हटाया जाएगा। साथ ही, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली को और मजबूत बनाया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भी मध्यप्रदेश स्वच्छता में देश का अग्रणी राज्य बना रहेगा। मुख्यमंत्री ने सभी नगर निकायों, सफाई मित्रों और नागरिकों से अपील की कि वे इस मुहिम को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएं।
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