
सिवनी में हुए चर्चित हवाला मनी लूट कांड ने पूरे मध्यप्रदेश पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसडीओपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं 5 पुलिसकर्मी हिरासत में लिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पूरे मामले पर स्पष्ट संदेश दिया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “जो भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्य से हटकर कार्य करेंगे, उन्हें राज्य सरकार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी।” सीएम ने यह भी कहा कि सिवनी प्रकरण में दोषियों के खिलाफ न केवल अनुशासनात्मक बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। “प्रदेश में कानून सबके लिए समान है, कोई भी व्यक्ति यदि कानून तोड़ता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा,” उन्होंने जोड़ा।
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इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 310(2) (डकैती), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 140(3) (अपहरण) और 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब तक जिन 5 पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया है, उनमें शामिल हैं -
इसके अलावा जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें प्रधान आरक्षक माखन, प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला, आरक्षक रविंद्र उईके, आरक्षक चालक रितेश, गनमैन केदार और गनमैन सदाफल शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए सतत रूप से कार्य कर रही है और इस दिशा में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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