MP के दमोह में प्राइवेट स्कूल की करतूत से बवाल: टॉपर लिस्ट में हिंदू लड़कियों को भी हिजाब पहनाकर पोस्टर छपवा डाले

कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद के बीच मध्य प्रदेश के दमोह में एक प्राइवेट स्कूल के इस पोस्टर ने बवाल मचा दिया है। MP बोर्ड टॉपर्स के पोस्टर में स्कूल मैनेजमेंट ने हिंदू लड़कियों को भी हिजाब पहनाकर खड़ा कर दिया। 

भोपाल. कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद के बीच मध्य प्रदेश के दमोह में एक प्राइवेट स्कूल के इस पोस्टर ने बवाल मचा दिया है। MP बोर्ड टॉपर्स के पोस्टर में स्कूल मैनेजमेंट ने हिंदू लड़कियों को भी हिजाब पहनाकर खड़ा कर दिया। मामला इतना तूल पकड़ गया है कि सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।

मध्य प्रदेश के दमोह में गंगा जमुना स्कूल का विवादास्पद पोस्टर और हिजाब-धर्मांतरण का मुद्दा

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मध्य प्रदेश के दमोह में एक प्राइवेट स्कूल में कथित तौर पर हिंदू छात्राओं को 'हिजाब' पहनने के लिए मजबूर करने के मामले ने विवाद खड़ा कर दिया है। राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार, दमोह में गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल ने बोर्ड एग्जाम में टॉप करने वाली लड़कियों का एक पोस्टर छपवाकर जगह-जगह चिपकवाया। इसमें हिंदू लड़कियां भी हिजाब पहने देखी जा रही हैं।

इस मामले पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मामले की जांच सबसे पहले जिला शिक्षा अधिकारी ने की थी। हालांकि इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी को इसकी गहनता से जांच करने का निर्देश दिया गया है।

दमोह में हिंदू लड़कियों का हिजाब विवाद-धर्मांतरण का आरोप

मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने जिला कलेक्टर के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें आरोप लगाया गया कि स्कूल हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। हालांकि दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि धर्मांतरण के आरोप के बारे में पहले जांच की गई थी, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं मिली। कलेक्टर ने इसे लेकर ट्वीट किया था।

लेकिन हिजाब विवाद के बाद कलेक्टर ने कहा कि गृह मंत्री के निर्देश के बाद मामले की जांच के लिए तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है।

दमोह हिजाब विवाद में जानिए कितनी सच्चाई

मामले को लेकर विवादों में घिरे स्कूल के मालिक मुस्ताक खान ने कहा कि यूनिफॉर्म में हेडस्कार्फ़ भी शामिल था, लेकिन किसी भी छात्रा को इसे पहनने के लिए मजबूर नहीं किया गया था।

मामला दिल्ली तक पहुंच गया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने एक ट्वीट में कहा कि मध्य प्रदेश के दमोह जिले के एक स्कूल में यूनिफॉर्म की आड़ में हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम लड़कियों को बुर्का और हिजाब पहनने के लिए मजबूर करने" की शिकायत मिली है।"

कानूनगो ने कहा कि मामले में संज्ञान लिया गया है और दमोह कलेक्टर एवं एसपी को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

कर्नाटक में हिजाब विवाद कब हुआ

बता दें कि पिछले साल कर्नाटक के स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के 'हिजाब' पहनने पर पाबंदी लगा दी गई थी। विवाद उडुपी में एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में क्लास के अंदर प्रतिबंधित करने के साथ राष्ट्रीय सुर्खियों में आया था।

विवाद बढ़ने के बाद राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक आदेश में परिसरों के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसे कुछ मुस्लिम छात्राओं ने कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश को बरकरार रखा था। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हालांकि अक्टूबर में इसे लेकर जजों में विभाजित फैसला आया था।

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