ग्वालियर में टोमी जैसवाल के नाम से कुत्ते का आधार कार्ड, देखकर लोग हैरान!

Published : Sep 01, 2025, 11:12 AM IST
Gwalior Dog Aadhaar Card Viral News

सार

Gwalior Viral News: क्या आपने कभी किसी कुत्ते का आधार कार्ड देखा है? ग्वालियर में टॉमी जायसवाल के कुत्ते का आधार कार्ड वायरल हो रहा है, जिससे इसकी प्रामाणिकता और इसके निर्माण के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं।

Gwalior Dog Aadhaar Card: आपने अब तक इंसानों के आधार कार्ड देखे होंगे, लेकिन क्या कभी किसी कुत्ते का आधार कार्ड देखा है? मध्य प्रदेश के ग्वालियर से ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। डबरा इलाके में एक कुत्ते का आधार कार्ड बनाया गया है, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस कार्ड में डॉगी का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि और पता भी दर्ज है। इस वायरल घटना ने लोगों के बीच अलग-अलग तरह की चर्चाओं को जन्म दिया है।

डॉगी का आधार कार्ड कैसे बना?

वायरल कार्ड में कुत्ते का नाम टोमी जैसवाल, पिता का नाम कैलाश जैसवाल, और जन्मतिथि 25/12/2010 दर्ज है। वहीं, पता वार्ड नंबर एक, सिमरिया ताल, ग्वालियर, मध्य प्रदेश दिखाया गया है। कार्ड में आधार संख्या भी दी गई है: 070001051580। सोशल मीडिया पर यह कार्ड तेजी से वायरल हो गया है, और लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार यह कैसे संभव हुआ।

क्या यह आधार कार्ड असली है या फेक?

इस मामले की सबसे बड़ी गुत्थी यह है कि यह आधार कार्ड वास्तविक है या केवल मजाक में बनाया गया है। आधिकारिक तौर पर अभी तक इस वायरल डॉगी आधार कार्ड की कोई पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन सवाल उठता है-अगर यह असली है तो प्रशासन कैसे इसे बनाने की अनुमति दे सकता है? और अगर यह फर्जी है तो इसे बनाने का उद्देश्य क्या रहा होगा?

सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद क्या कार्रवाई होगी?

इस डॉगी आधार कार्ड की वायरल घटना ने ग्वालियर के नागरिकों के बीच तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म दिया है। कई लोग इसे मजेदार मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसकी गंभीरता और कानूनी पक्ष पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और ऐसे फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों को किन नियमों के तहत जिम्मेदार ठहराया जाता है।

सवाल उठ रहे हैं: क्या यह सिर्फ मजाक है या गंभीर मामला?

टोमी जैसवाल का आधार कार्ड सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसे मजाक या मीम्स का हिस्सा मानकर शेयर कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा चिंता के रूप में देख रहे हैं। इस वायरल खबर ने यह साबित कर दिया कि अब सोशल मीडिया पर इंसानों की पहचान के अलावा जानवरों की पहचान भी लोगों की दिलचस्पी का केंद्र बन सकती है। यह मामला ग्वालियर और सोशल मीडिया में सबसे चर्चित विषय बन गया है, और अब यह देखना होगा कि प्रशासन किस तरह से इस वायरल आधार कार्ड के मामले को संभालता है।

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