जज की कार छीनने वाले हिमांशु और सुकृत को मिली बड़ी राहत, शिवराज सिंह चौहान ने लिखा था लेटर

एक इंसान की जान बचाने के लिए हाईकोर्ट के जज की कार छीनने वाले हिमांशु और सुकृत को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। चूंकि उन्होंने ये काम किसी की जान बचाने के लिए किया था। इस कारण उन्हें आज हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।

subodh kumar | Published : Dec 18, 2023 11:29 AM IST

ग्वालियर. ट्रेन में सवार एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए दो युवकों ने हाईकोर्ट के जज की कार छीन ली थी। इस मामले में दोनों युवकों के खिलाफ लूट की घटना को अजांम देने की कार्रवाई की गई। दोनों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था। चूंकि ये लूट किसी की जान बचाने के लिए की गई थी। इस कारण इस मामले में शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रदेशभर के लोग युवकों के समर्थन में थे। यही कारण है कि सोमवार को हाईकोर्ट ने दोनों युवकों को जमानत मिल गई है।

ये था पूरा मामला

मध्यप्रदेश के शिवपुरी के पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति रणजीत सिंह दिल्ली से झांसी जा रहे थे। तभी बीच में उनकी तबियत अचानक खराब हो गई। ऐसे में ग्वालियर में स्टूडेंट्स ने उन्हें उतारकर वहीं खड़ी एक कार से उन्हें अस्पताल लेकर चले गए। चूंकि ये कार हाईकोर्ट जज की थी, इसलिए कार के ड्राइवर ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज करा दी। जिस पर ग्वालियर की पड़ाव पुलिस ने हिमांशु श्रोतिय और सुकृत शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

अभाविप ने लगाई थी जमानत याचिका

इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सेशन कोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई थी। लेकिन उसके खारिज कर दिया गया था। जिसमें जवाब में कहा था कि किसी की मदद के लिए बल का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अभाविप ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई। जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिस पर स्टूडेंट्स की तरफ से भानु प्रताप सिंह और शासन की तरफ से अंकुर मोदी ने पैरवी की। दोनों वकीलों की बातों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने दोनों स्टूडेंट्स की सशर्त जमानत यचिका मंजूर की।

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शिवराज सिंह चौहान ने लिखा पत्र, छात्रों ने किया प्रदर्शन

इस मामले में शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी जज को एक पत्र लिखकर दोनों छात्रों को माफ करने की मांग की थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि कार छुड़ाने की घटना किसी अपराधिक इरादे से नहीं की गई थी। इसके लिए उनका उद्देश्य किसी की जान बचाना था।

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