सार
कहते हैं बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में कोई बड़ा नेता या राजा रात नहीं रूकता है। लेकिन हालही में सीएम बने मोहन यादव ने शनिवार को उज्जैन में रात गुजारी, जब उनसे इसे बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा मैं रूक सकता हूं।
उज्जैन. सालों से सुनते आ रहे हैं कि उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी है। यहां कोई भी राजा या प्रदेश का मुखिया, कोई बड़ा नेता रात नहीं रूकता है। चूंकि अब मध्यप्रदेश के सीएम ही उज्जैन के विधायक चुने गए। ऐसे में ये कहावत सोशल मीडिया पर फिर सुर्खियों में आ गई थी, लोग कहने लगे थे कि क्या अब मध्यप्रदेश के सीएम भी उज्जैन में रात नहीं गुजारेंगे। इसी बीच शनिवार को सीएम ने उज्जैन में रात बिताई। इसके बाद उन्होंने क्या कहा आईये जानते हैं।
मोहन यादव बोले महाकाल का बेटा हूं
सीएम मोहन यादव ने कहा कि मैं यहां रात रूक सकता हूं क्योंकि मैं तो महाकाल का बेटा हूं। उन्होंने सालों से चली आ रही इस मान्यता को तोड़ते हुआ कहा कि बाबा महाकाल मेरे पिता हैं और मैं यहां रात रूक सकता हूं। वे बोले बाबा महाकाल तो पूरे ब्रह्माण के राजा हैं। मैं महाकाल का बेटा और उनके सेवक के रूप में काम कर रहा हूं एक सीएम की तरह नहीं।
सालों पुरानी सुनाई कहानी
सीएम मोहन यादव ने कहा कि सिंधिया महाराज को अपनी राजधानी को ग्वालियर ले जाना था। इस कारण उन्होंने ये कहानी बनाई थी, चूंकि सन 1852 में दौलत रावजी के शासन काल में राजधानी ग्वालियर शिफ्ट हो गई थी। इस कारण ये कहानी बनाई गई थी कि अगर कोई राजा यहां रात रूकेगा तो वह खत्म हो जाएगा। सिंधिया महाराज की ये बात आग की तरह फैल गई और इसे हर कोई मानने लगा। इसके बाद कोई राजा यहां रूका भी नहीं। ताकि यहां कोई आक्रमण नहीं कर सकें। मोहन यादव ने कहा कि हम तो बाबा महाकाल के बच्चे हैं। हम तो हर काम उनका आशीर्वाद लेकर ही करते हैं। हम राजा नहीं हम तो सेवक के रूप में काम कर रहे हैं।