Indore Building Collapse: तीन मंजिला इमारत ढही, एक ही परिवार के 14 दबे, चाचा-भतीजी की मौत, 12 घायल, जानिए वजह

Published : Sep 23, 2025, 07:30 AM IST
indore building collapse ranipura

सार

इंदौर के रानीपुरा में अचानक गिरी तीन मंजिला इमारत…दो की मौत, 12 घायल। क्या भारी बारिश बनी वजह या जर्जर दीवारों की अनदेखी? 5 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, मलबे से उठती चीखों ने दिल दहला दिया।

Indore Building Collapse News: इंदौर शहर के रानीपुरा इलाके में सोमवार रात बड़ा हादसा हो गया। तेज बारिश के बाद एक तीन मंजिला पुरानी इमारत अचानक ढह गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हैं। घायलों का इलाज एमवाय अस्पताल (MYH Indore) में चल रहा है। जिला कलेक्टर शिवम वर्मा और पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह खुद मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य की निगरानी की।

क्या हुआ रानीपुरा में आधी रात?

शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक रानीपुरा में सोमवार रात अचानक चीख-पुकार मच गई। एक जर्जर बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। इमारत के मलबे में एक ही परिवार के 14 सदस्य दब गए। SDRF, नगर निगम और पुलिस की टीमों ने करीब 5 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर घायलों को बाहर निकाला।

 

 

कितने लोग घायल और कितनी मौतें हुईं?

इस हादसे में 20 वर्षीय अलीफा और 45 वर्षीय फहीममुद्दीन अंसारी की मौत हो गई। दोनों चाचा-भतीजी थे। 12 लोग घायल अवस्था में अस्पताल लाए गए, जिनमें दो बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। डॉक्टरों ने बताया कि चार की हालत गंभीर बनी हुई है।

क्यों गिरी यह इमारत?

स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह इमारत 8 से 10 साल पुरानी और काफी कमजोर हो चुकी थी। दीवारों में दरारें थीं और प्लास्टर अक्सर झड़ता रहता था। कई बार इसे खाली करने की बात हुई, लेकिन गंभीरता से कदम नहीं उठाया गया। सोमवार दिनभर की भारी बारिश ने इसे और कमजोर कर दिया और रात में इमारत गिर गई।

 

 

अगर हादसा देर रात होता तो क्या और बढ़ जाता खतरा?

पड़ोसियों का कहना है कि हादसा तब हुआ जब इमारत में लोग कम थे। अगर यह देर रात होता, जब सभी लोग सो रहे होते, तो जान-माल का नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था।

मलबे से कैसे मिली जिंदगी की आवाज़ें?

रेस्क्यू टीम के लिए यह काम आसान नहीं था। मलबे में दबे कुछ लोगों ने अपने मोबाइल से बाहर फोन कर मदद मांगी। एक घायल ने बताया कि उसका पैर दबा था लेकिन वह सुरक्षित है। इसी तरह की कॉल्स से बचाव दल को पता चला कि कौन कहां दबा है।

 

 

बिजली काटकर कैसे चला रेस्क्यू ऑपरेशन?

बिल्डिंग गिरते ही बिजली कंपनी ने पूरे इलाके की सप्लाई बंद कर दी, ताकि शॉर्ट सर्किट से बड़ा खतरा न हो। टूटे पोल और बिखरी तारों के बीच बचाव दल ने अंधेरे में रोशनी की मदद से घायलों को बाहर निकाला।

कौन-कौन पहुंचे मौके पर?

हादसे की खबर मिलते ही मेयर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर शिवम वर्मा और पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज देने और जल्द राहत कार्य पूरे करने के निर्देश दिए।  शहर में जर्जर और खतरनाक इमारतों पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं होती? अगर पहले ही इन्हें खाली कराया जाता, तो शायद दो निर्दोष जिंदगियां न जातीं।

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