
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उन्हें गर्व है कि मुरैना में सोलर प्लस स्टोरेज प्रोजेक्ट के शुभारंभ के साथ मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाई है। यह भारत की पहली परियोजना है जो रिकॉर्ड न्यूनतम ₹2.70 प्रति यूनिट टैरिफ पर स्थिर और डिस्पैचेबल नवकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की स्थापित क्षमता लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2025 तक सौर ऊर्जा क्षमता 5 हजार मेगावाट तक पहुंच चुकी है, जिसे 2035 तक 33 हजार मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए राज्य सरकार ने इंडस्ट्रियल प्रमोशन पॉलिसी, रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी 2025 और पंप हाइड्रो पॉलिसी 2025 के तहत निवेशकों को आकर्षक प्रोत्साहन दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को नई दिल्ली के होटल ताज में आयोजित CII अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन को अपने निवास से वर्चुअली संबोधित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय नवकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी, मालदीव के पर्यावरण एवं पर्यटन राज्यमंत्री मुवियाथ मोहम्मद, सीआईआई और ई.वाय इंडिया के पदाधिकारी एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अगला अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन मध्यप्रदेश में आयोजित करने का निमंत्रण भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश अब केवल भारत का दिल ही नहीं, बल्कि निर्माण गतिविधियों का बड़ा केंद्र बन रहा है। वैश्विक परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि "मेक इन इंडिया" और "विकसित भारत" के संकल्प को साकार करते हुए एक ऐसा भारत बनाया जा रहा है जो सुरक्षित, सक्षम और दुनिया को दिशा देने वाला होगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत और मध्यप्रदेश दोनों ही नेट जीरो (Net Zero) लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले वर्षों में भारत स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) का वैश्विक मार्गदर्शक बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भारत को वैश्विक स्तर पर अनदेखा नहीं किया जा सकता। हमारी मातृभूमि अब सिर्फ एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की उम्मीद बन चुकी है। भारत ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा, टेक्सटाइल, आईटी, कृषि, फार्मा, रक्षा और अंतरिक्ष हर क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है और स्वच्छ ऊर्जा टेक्नोलॉजी में विश्व का प्रमुख केंद्र बन गया है।
भारत ने 2070 तक नेट-ज़ीरो और 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल क्षमता का लक्ष्य तय किया है। फिलहाल देश 251.5 गीगावाट नॉन-फॉसिल ऊर्जा क्षमता हासिल कर चुका है और 100 गीगावाट सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, पीएम-कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और स्मार्ट ग्रिड जैसी पहलों ने भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सतत दिशा दी है। इन योजनाओं से परिवारों को मुफ्त बिजली का लाभ भी मिला है।
मध्यप्रदेश अब देश के प्रमुख ऊर्जा राज्यों में से एक है-
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