इंदौर रामनवमी बावड़ी हादसा: मां-बाप घायल बच्चों को सीने से लगाकर सीढ़ियों पर बैठे कांपते रहे, हादसे की 2 चौंकाने वाली वजहें

रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे ने घोर लापरवाही की ओर इशारा किया है। मंदिर मैनेजमेंट ने बावड़ी में भराव किए या बिना गर्डर रखे उसके ऊपर फर्शियां रखवा दी थीं। 

 

इंदौर. रामनवमी पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर टूटने से हुए भीषण हादसे ने घोर लापरवाही की ओर इशारा किया है। इस हादसे में 35 लोगों की जान गई है। पहली जांच में सामने आया है कि मंदिर मैनेजमेंट ने बावड़ी में भराव किए या बिना गर्डर रखे उसके ऊपर फर्शियां रखवा दी थीं। उस पर टाइल्स भी लगवा दी। ज्यादातर लोगों को नहीं मालूम था कि वे जिस जगह पर बैठ रहे हैं, उसके नीचे ठोस जमीन नहीं है, बल्कि गहरी बावड़ी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह पीड़ितों से मिलने पहुंचे। यहां भीड़ ने हाय-हाय और मुर्दाबाद के नारे लगाए।

Latest Videos

1. मध्य प्रदेश के इंदौर में स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर है, जहां ये हादसा हुआ। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पूजा के दौरान मंदिर की बावड़ी पर रखे पत्थर अचानक से टूट गए थे। इससे उस पर बैठे लोग नीचे बावड़ी में गिर गए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

2. हादसे के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। तस्वीर में देखा जा सकता है कि बावड़ी में गिरे घायल मां-बाप अपने जख्मी बच्चों को सीने से चिपटाए कैसे सीढ़ियों पर मदद के इंतजार में बैठे रहे।

3.पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह मंदिर काफी पुराना है। करीब 20-25 साल पहले मंदिर के नवनिर्माण की योजना बनी थी।

4.मंदिर के नव निर्माण को देखते हुए बावड़ी को बंद करने का फैसला किया गया था। लेकिन लापरवाही यह रही कि बावड़ी में मलबा भरवाने की बजाय उस पर फर्शियां रखवा दीं।

5. अगर बावड़ी पर सरिया की स्लैब डलवाकर फर्शियां रखवाई गई होतीं, तो शायद हादसा टल सकता था। रामनवमी पर भारी भीड़ जुटने से ये फर्शियां बोझ नहीं झेल पाईं।

6. जिस बावड़ी को पैक किया गया था, उसके पास ही दो साल पहले नया कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू किया गया था। हालांकि इसके लिए नगर निगम से भी कोई परमिशन नहीं ली गई थी।

7. नगर निगम ने मंदिर में चल रहे नवनिर्माण को अवैध बताया था, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया। सिर्फ नोटिस भेजे जाते रहे। इंजीनियर मानते हैं कि बावड़ी के पास नव निर्माण के चलते बावड़ी दबाव नहीं झेल पाई।

8. कई सालों से मंदिर में पूजा-पाठ करने आ रहे ज्यादातर लोगों को नहीं पता था कि वे जिस जगह पर खड़े हैं, उसके नीचे बावड़ी है।

9. बता दें कि 30 मार्च को रामनवमी पर हवन-पूजन का आयोजन किया गया था,तभी मंदिर में अंडरग्राउंड बावड़ी की छत धंस गई थी। हादसे में 40 से ज्यादा लोग बावड़ी में गिर गए थे।

10.जिस बावड़ी में ये हादसा हुआ, वो करीब 40 फीट गहरी है। उसमें काफी पानी भी भरा था। मंदिर में कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है, इसलिए यह पहली बार हुआ कि हवन-पूजन अंदर कराना पड़ा। यानी बावड़ी को ढंकने के लिए रखे पत्थरों को देखकर किसी ने अंदाजा नहीं किया था कि वे बड़ी संख्या में लोगों का बोझ नहीं झेल पाएंगे।

11. बावड़ी धंसकने की दो वजहें मानी जा रही हैं। पहली-बावड़ी बरसों से फर्शियों से ढंकी हुई थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। दूसरा बगल में नव निर्माण होने से आशंका है कि बावड़ी में चूहे घुस आए हों, जिससे वो कमजोर हुई हो।

12.घायल पुजारी लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कहा कि हादसा तब हुआ, जब आरती की तैयारी चल रही थी। वे मंदिर को करीब 60 साल पुराना बता रहे हैं।

यह भी पढ़ें

इंदौर रामनवमी हादसा: पहली बार अंदर हुआ हवन और बावड़ी धंसक गई, मरने वालों की संख्या 30 हुई, पढ़िए 10 बड़े पॉइंट्स

कोटा रामनवमी हादसा का Shocking Video: बिजली के तार से रिंग उतारते ही जल उठा युवक, लोग लाठियों से उसे छुड़ाने लगे

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट